मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को एक नया मोड़ आया जब मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से उनके जन्मदिन पर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं।
राज ठाकरे, जो अपने दादर स्थित आवास शिवतीर्थ से बांद्रा स्थित मातोश्री पहुंचे, का उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के सांसद संजय राउत के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेता लगभग छह साल बाद मिले हैं। इससे पहले राज ठाकरे अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी का निमंत्रण देने मातोश्री गए थे।
इस मुलाकात के महत्व को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भविष्य में दोनों भाई एकजुट हो सकते हैं, खासकर आगामी बीएमसी चुनावों को देखते हुए। यह भी कहा जा रहा है कि दोनों भाई एकजुटता का परिचय देते हुए चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
इस बीच, शिंदे गुट की नेता मनीषा कायंदे ने इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने 5 जुलाई की रैली का जिक्र करते हुए कहा कि राज ठाकरे ने गठबंधन को लेकर उस समय कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया था।
मनीषा कायंदे ने कहा, 5 जुलाई को आपने देखा होगा कि एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे का मुद्दा मराठी भाषा था, जबकि उद्धव ठाकरे का मुद्दा था महानगरपालिका। दोनों में अंतर था। बाद में राज ठाकरे ने गठबंधन को लेकर कोई भी संकेत नहीं दिए और अभी चुनाव में वक्त है तो उस समय देखा जाएगा कि कौन किसके साथ जा रहा है, लेकिन इतना निश्चित है कि महायुति में शामिल तीनों पार्टियां- शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार जी की एनसीपी, हम साथ में चुनाव लड़ने वाले हैं।
इससे पहले 5 जुलाई को मुंबई में आयोजित एक संयुक्त रैली में ठाकरे ब्रदर्स ने मंच साझा किया था, जिससे एकजुट होने के संकेत मिले थे। उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह और मनसे प्रमुख साथ बने रहने के लिए एकजुट हुए हैं। यह रैली देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार द्वारा हिंदी भाषा को लेकर जारी जीआर वापस लिए जाने के बाद आयोजित की गई थी। लगभग 20 साल बाद ठाकरे ब्रदर्स ने कोई सियासी मंच शेयर किया था।
राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को लाल गुलाब का एक बड़ा गुलदस्ता भेंट किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज ठाकरे का मातोश्री जाना महत्वपूर्ण है, खासकर बीएमसी चुनावों के परिप्रेक्ष्य में। अब देखना यह है कि यह मुलाकात भविष्य में किस तरह के राजनीतिक समीकरणों को जन्म देती है।
Mumbai, Maharashtra: Shiv Sena leader Manisha Kayande says, On July 5, Raj Thackeray focused on the Marathi language, while Uddhav Thackeray emphasized the municipal corporation. Raj Thackeray gave no clear signal later. As elections near, alliances will be revealed then... pic.twitter.com/LFTY4seKYp
— IANS (@ians_india) July 27, 2025
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