रुद्र, भैरव, दिव्यास्त्र... चीन-पाकिस्तान अब नापाक हरकत से पहले सौ बार कांपेंगे, सेना बनाएगी खास रणनीति
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कारगिल विजय दिवस के मौके पर भारतीय सेना ने भविष्य के युद्धों को देखते हुए अपनी रणनीति और ढांचे में बड़ा बदलाव किया है. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने घोषणा की कि सेना रुद्र ब्रिगेड, भैरव कमांडो बटालियन, ड्रोन प्लेटून और दिव्यास्त्र बैटरियों जैसे अत्याधुनिक सैन्य ढांचों के जरिए अपनी ताकत को नई दिशा दे रही है.

यह बदलाव पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए सफल ऑपरेशन सिंदूर के बाद किए गए हैं. इस ऑपरेशन ने दुश्मन को करारा जवाब देने में सेना की तैयारी और संकल्प को साबित किया.

रुद्र ब्रिगेड का गठन सेना के उस पारंपरिक ढांचे को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसमें एकल-हथियार आधारित ब्रिगेड तैनात होती थीं. रुद्र ब्रिगेड मल्टी-आर्म्स यूनिट होंगी, जिनमें इन्फैंट्री, टैंक, बख्तरबंद वाहन, तोपखाना, स्पेशल फोर्सेज, ड्रोन यूनिट और लॉजिस्टिक सपोर्ट जैसी सभी क्षमताएं एक साथ मौजूद होंगी. दो रुद्र ब्रिगेड पहले ही तैयार की जा चुकी हैं, जिन्हें विशिष्ट इलाकों और मिशनों के लिए कस्टमाइज किया गया है.

सेना 40 से 50 नई भैरव कमांडो बटालियन भी तैयार कर रही है. ये यूनिट्स दुश्मन के इलाके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम होंगी. इन्हें आधुनिक तकनीक, स्मार्ट हथियारों, एआई आधारित सिस्टम और ड्रोन्स से लैस किया जाएगा. सेना प्रमुख ने कहा कि भैरव यूनिट्स दुश्मन को चौंकाने और उसे असंतुलित करने के लिए तैयार हैं.

ड्रोन युद्ध की बढ़ती भूमिका को देखते हुए सभी 400 से अधिक इन्फैंट्री बटालियनों में अब ड्रोन प्लेटून जोड़ी जा रही हैं. टारगेटिंग और अटैक ऑपरेशन के लिए दिव्यास्त्र बैटरियां भी तैनात की जा रही हैं, जो हाईटेक निगरानी और हमला करने में सक्षम हैं.

वायु रक्षा के क्षेत्र में भी भारत ने अपनी क्षमता को बढ़ाया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन के तुर्की निर्मित ड्रोन और चीनी मिसाइलों को नाकाम करने में आकाश प्राइम और QRSAM सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई थी. अब दो नई आकाश प्राइम रेजीमेंट और तीन QRSAM रेजीमेंट की खरीद की जा रही है. इनकी कुल लागत 44,000 करोड़ रुपये से अधिक है. आकाश प्राइम की रेंज 25 किमी है, जबकि QRSAM सिस्टम 30 किमी तक तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम है.

जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत ने शांति का अवसर दिया, लेकिन वहां से कायरता का जवाब मिला. ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने अब स्पष्ट और निर्णायक रुख अपना लिया है. 7 से 10 मई 2025 के बीच हुए इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में मौजूद आतंकी लॉन्च पैड्स, मिसाइल ठिकानों और ड्रोन बेस को नष्ट कर दिया था.

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