अयोध्या में मानवता शर्मसार: बेरहम बच्चों ने मां को कूड़े की तरह फेंका, मौत
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अयोध्या, प्रभु श्री राम की नगरी, आज एक ऐसी घटना से शर्मसार है जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया है। एक बुजुर्ग महिला को उसके बेरहम बच्चों ने सड़क किनारे कूड़े की तरह फेंक दिया, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

यह घटना अयोध्या कोतवाली के किशनदासपुर में हुई। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे महिला को एक ई-रिक्शा से लाकर फेंक दिया गया। पुलिस ने महिला को दर्शन नगर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

पुलिस अब महिला की पहचान करने और उसे छोड़ने वाले ई-रिक्शा की तलाश कर रही है। डायल 112 को सुबह साढ़े 9 बजे एक लावारिस बुजुर्ग महिला के पड़े होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

इस घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया है। लोग यह सवाल पूछ रहे हैं कि वे कौन लोग हैं जो अपने बुजुर्ग माता-पिता को इस हाल में छोड़ जाते हैं? क्या ऐसे लोगों में जरा भी संवेदना नहीं बची है? क्या हमारा समाज संवेदनहीन हो गया है?

राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग के अनुसार, 2011 में भारत की जनसंख्या में बुजुर्गों (60 वर्ष से अधिक) की हिस्सेदारी 8.6% थी, जो 2036 तक 18% तक पहुंच सकती है। UNFPA की इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 के अनुसार, 2050 तक यह 20.8% हो सकती है।

हेल्पएज इंडिया के एक सर्वे के अनुसार, 47% बुजुर्ग अपने परिवारों पर आर्थिक रूप से निर्भर हैं और 34% पेंशन या सरकारी सहायता पर निर्भर हैं। भावनात्मक उपेक्षा के कारण 30-50% बुजुर्ग अवसाद के शिकार हैं। 29% लोग अपने बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं और 35% देखभाल करने वालों को यह बोझ लगता है।

माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 बच्चों को अपने माता-पिता की देखभाल करने के लिए बाध्य करता है। इसके तहत बुजुर्ग अपनी संपत्ति वापस ले सकते हैं या भरण-पोषण की मांग कर सकते हैं।

एल्डरलाइन 14567 वर्ष 2021 में शुरू की गई राष्ट्रीय हेल्पलाइन बुजुर्गों की शिकायतों को दूर करने के लिए है। राष्ट्रीय वयोश्री योजना BPL श्रेणी के बुजुर्गों को सहायता प्रदान करती है। सीनियरकेयर एजिंग ग्रोथ इंजन (SAGE) स्टार्टअप्स के माध्यम से बुजुर्गों के लिए देखभाल के इंतजाम करता है।

इस भयावह समस्या का समाधान क्या है? हर बुजुर्ग को MWPSC कानून के बारे में पता होना चाहिए। बुजुर्गों को खुद को भी मजबूत करना होगा और अपने बुढ़ापे की योजना जवानी में ही बनानी होगी। परिवार में बेटियों को भी यह संस्कार देने की जरूरत है कि वो जिस घर की बहू बनने जा रही हैं, उस घर की मां ने अपने बेटे को उन्हें सौंपा है। जब सास मजबूर हो तो आप भी मजबूती के साथ उनका साथ दें।

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