भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में टूटे पैर के साथ बल्लेबाजी करके अद्भुत साहस दिखाया और अर्धशतक पूरा किया। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में मेडिकल सब्स्टीट्यूट की इजाजत न देना दिखाता है कि क्रिकेट अब भी पुराने जमाने के नियमों में फंसा है।
मैनचेस्टर टेस्ट मैच में ऋषभ पंत ने टूटे पैर के साथ बहादुरी दिखाते हुए बल्लेबाजी की। पहले दिन चोटिल होकर रिटायर होने के बाद अगले दिन वह फिर मैदान पर उतरे और अपनी पारी 37 रनों से आगे बढ़ाई और अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने इस दौरान 28 गेंदों का सामना किया और 17 रन बनाए।
वॉन ने कहा कि टूटा पैर लेकर बल्लेबाजी करते देखना जबरदस्त था। उन्होंने हिम्मत और स्किल दोनों दिखाई, लेकिन वे ठीक नहीं थे। दौड़ नहीं पा रहे थे, और इससे उनकी चोट और बढ़ सकती थी। उन्होंने कहा कि विकेटकीपर की जगह तो सब्स्टीट्यूट खेलने आता है, लेकिन बैटिंग या बॉलिंग के लिए नहीं, यह नियम बिल्कुल अजीब और गलत है। क्रिकेट ही अकेला खेल है जिसमें ऐसी स्थिति में खिलाड़ी नहीं बदला जा सकता।
वॉन का मानना है कि चोट लगने पर खिलाड़ी को हटाकर किसी समान स्तर के खिलाड़ी को लाने की अनुमति मिलनी चाहिए, जैसे बल्लेबाज के बदले बल्लेबाज या स्पिनर के बदले स्पिनर। अगर किसी खिलाड़ी को हड्डी टूटने जैसी गंभीर चोट लगे और डॉक्टर या स्कैन से वह साबित हो जाए, तो उस खिलाड़ी की जगह किसी और को आने देना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि मैच से पहले हर खिलाड़ी के लिए एक बैकअप प्लेयर तय कर लिया जाए। दोनों टीमें उसे मंजूरी दें। मैच रेफरी इसकी निगरानी करे।
वॉन ने यह भी कहा कि कंन्कशन (सिर की चोट) के लिए तो सब्स्टीट्यूट मिल जाता है, लेकिन बाकी चोटों के लिए नहीं - यह समझ से बाहर है। उनका मानना है कि पुराने नियमों पर अड़े रहने से जानबूझकर खेल का प्रभाव कम किया जा रहा है क्योंकि एक टीम को इसके कारण मैच के चार दिनों तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ रहा है।
वॉन ने पंत के पहले दिन क्रिस वोक्स के खिलाफ खेले गए रिवर्स स्वीप शॉट को मूर्खतापूर्ण बताया और कहा कि पंत को इसे अधिक पारंपरिक ढंग से खेलना चाहिए था। वॉन ने कहा कि पंत जैसा खिलाड़ी कभी देखा नहीं गया। वे अलग हैं। चोट खुद की गलती हो सकती है, लेकिन फिर भी उन्होंने जो साहस दिखाया वो काबिल-ए-तारीफ था। वे लंगड़ाते हुए मैदान पर आए, उनका एक जूता बड़ा और मोटा था, फिर भी उन्होंने बेन स्टोक्स की तेज गेंदबाजी में बल्लेबाजी की - आम खिलाड़ी ऐसा करने से डर जाते।
इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर टेस्ट के दूसरे दिन, टूटी हुई पैर की हड्डी (फ्रैक्चर) के बावजूद ऋषभ पंत ने जो जुझारू पारी खेली, उसने पूरे क्रिकेट जगत को भावुक कर दिया। उनके इस जज्बे की रवि शास्त्री, चेतेश्वर पुजारा, दिनेश कार्तिक समेत कई पूर्व खिलाड़ियों ने खुलकर सराहना की। रवि शास्त्री ने कहा कि ऐसा करने के लिए सिर्फ जज्बा नहीं, उससे कहीं ज्यादा हिम्मत चाहिए। चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि इतना दर्द सहकर भी पंत ने जो साहस दिखाया, वह असाधारण है।
A knock for the ages! 💪#RishabhPant returned after being retired hurt and showed the world what true grit looks like.
— Star Sports (@StarSportsIndia) July 24, 2025
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