दिल्ली में यमुना का उफान, खतरे के निशान के करीब जलस्तर!
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दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जो चेतावनी स्तर 204.5 मीटर के करीब पहुंच गया है. मात्र 24 घंटों में, मंगलवार से बुधवार के बीच, नदी का जलस्तर लगभग दो मीटर बढ़ गया.

केंद्रीय जल आयोग (CWC) के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार शाम 5 बजे यमुना का जलस्तर 204.13 मीटर तक पहुंच गया था, हालांकि एक घंटे बाद यह घटकर 204.08 मीटर रह गया. पिछले दिन इसी समय जलस्तर 202.24 मीटर था.

इस जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से पानी की अचानक बढ़ी हुई निकासी है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस पानी को दिल्ली पहुंचने में लगभग 48 घंटे लगेंगे, जिससे गुरुवार तक जलस्तर में और वृद्धि की आशंका है.

हथिनीकुंड बैराज से मंगलवार तड़के 1 बजे जल निकासी 54,707 क्यूसेक तक पहुंच गई. इसके बाद मंगलवार शाम से बुधवार तक यह प्रवाह 10,000 से 25,000 क्यूसेक के बीच बना रहा. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, यह जल प्रवाह सीधे यमुना में बढ़ोतरी का कारण बना.

दक्षिण एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल (SANDRP) के सदस्य और यमुना मामलों के कार्यकर्ता भिम सिंह रावत का कहना है, यह वार्षिक फ्लशिंग प्रक्रिया है और जल प्रवाह बढ़ने से नदी की जल गुणवत्ता अपने आप सुधर गई है. यह जलस्तर थोड़ी देर के लिए घट सकता है, लेकिन ऊपर के इलाकों में वर्षा होने से उतार-चढ़ाव बना रहेगा.

वर्ष 2024 में 26 सितंबर को यमुना 204.38 मीटर तक पहुंची थी और चेतावनी स्तर को लगभग पार कर गई थी. 2023 में स्थिति और भी गंभीर थी, जब 11 जुलाई को यमुना 208.66 मीटर तक पहुंच गई थी.

2023 में हथिनीकुंड से 3,59,760 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था और कई बार यह प्रवाह 1 लाख क्यूसेक से अधिक रहा. इस कारण दिल्ली के कई इलाके जैसे मयूर विहार, आईटीओ, सलीमगढ़ बायपास और सिविल लाइंस में भारी बाढ़ आई थी और 23,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा था.

2023 की बाढ़ के दौरान दिल्ली जल बोर्ड को मजबूरन तीन मुख्य जल शोधन संयंत्र वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला को बंद करना पड़ा था. इन संयंत्रों से राजधानी को पीने का लगभग एक-चौथाई पानी सप्लाई किया जाता है, जिससे शहर को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ा था.

जल संसाधन और बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC) के अनुसार, पिछले 63 वर्षों में यमुना ने 53 बार चेतावनी स्तर को पार किया है. इनमें से 43 बार जलस्तर 205 मीटर, 14 बार 206 मीटर और 4 बार 207 मीटर से ऊपर चला गया, जिसमें वर्ष 2023 भी शामिल है.

फिलहाल, संभावित बाढ़ की स्थिति को देखते हुए I&FC विभाग ने पहले ही एक बाढ़ नियंत्रण आदेश जारी कर दिया है. आदेश के अनुसार, अगर हथिनीकुंड से जल निकासी 1 लाख क्यूसेक से अधिक हो जाती है, तो केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष पहली चेतावनी जारी करेगा. इसके बाद सेक्टर स्तरीय नियंत्रण कक्ष सक्रिय हो जाएंगे और नाजुक स्थानों पर नावों की व्यवस्था की जाएगी. फिलहाल यमुना ने चेतावनी स्तर पार नहीं किया है, इसलिए कोई नई आधिकारिक चेतावनी नहीं दी गई है.

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