इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज ग्राहम थोर्प, जिन्होंने क्रिकेट के मैदान पर गेंदबाजों का डटकर सामना किया, जीवन की जटिलताओं के आगे हार गए। 55 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
कभी बाएं हाथ का खूबसूरत बल्लेबाज गेंदबाजों के लिए पहेली बन जाता था। 1 जुलाई 1993 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नॉटिंघम में डेब्यू करने वाले थोर्प ने पहले ही मैच की दूसरी पारी में शतक जड़ा। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 100 टेस्ट मैच में 16 शतक बनाए।
3 जून 2005 को उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी टेस्ट मैच में 66 रन बनाए। उन्होंने खिलाड़ी के तौर पर क्रिकेट के लिए 12 साल लगाए, लेकिन इंसान के तौर पर शायद दुनिया ने उन्हें उतना नहीं समझा।
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कोच के रूप में भी अहम योगदान दिया, खासकर इंग्लैंड की 2019 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कोचिंग स्टाफ का हिस्सा बनकर। लेकिन मैदान से बाहर की जिंदगी उनके लिए बेहद कठिन साबित हुई।
2021-22 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड की हार के बाद उन्हें टीम के सहायक कोच पद से हटा दिया गया। इससे उन्हें बड़ा झटका लगा। 2022 में उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की, जिसके बाद वे लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहे।
आखिरकार, 4 अगस्त को एशर स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर उनके घायल होने की सूचना मिली। मेडिकल टीम मौके पर पहुंची लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। 55 वर्षीय थोर्प की मौत सरे के एशर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से टकराने से हुई।
कोरोनर साइमन विकेन्स ने अदालत में बताया कि थोर्प को गंभीर और जानलेवा चोटें आईं। उनके परिवार ने जानकारी दी कि वे डिप्रेशन और एंग्जायटी से जूझ रहे थे और उन्होंने अपनी जान खुद ली।
उनकी बेटी किटी ने कहा, वो हमसे बहुत प्यार करते थे, लेकिन उन्हें अब रास्ता नहीं दिख रहा था। वो शख्स जो कभी जिंदगी से भरपूर था, अब खुद के भीतर ही खो गया था।
ग्राहम थोर्प हमें एक जरूरी सबक देकर गए कि जीत-हार सिर्फ मैदान तक सीमित नहीं होती। जिंदगी के मैदान में भी संघर्ष होते हैं और हर मुस्कान के पीछे एक कहानी होती है। उनकी कहानी बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य पर बात करना जरूरी है, शर्म नहीं।
भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के अंतिम टेस्ट के दूसरे दिन, 1 अगस्त 2025 को लंदन के किया ओवल क्रिकेट ग्राउंड में ए डे फॉर थोर्पी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
इस दिन मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए चैरिटी Mind के सहयोग से विशेष पहल की जाएगी। दर्शकों से अपील की गई है कि वे मैच में थोर्प के स्टाइल वाली हेडबैंड पहनें।
ग्राहम थोर्प की कहानी बताती है कि मानसिक स्वास्थ्य एक ऐसा पहलू है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मैदान पर चमकने वाला यह सितारा भीतर से बहुत कुछ झेल रहा था।
Ponting called Graham Thorpe as the best-ever” batting technician from England.
— Cricketopia (@CricketopiaCom) August 6, 2024
Gone Too Soon. pic.twitter.com/oVQPYQcakC
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