उपेंद्र कुशवाहा की नीतीश कुमार को सलाह से बिहार की राजनीति में हलचल, क्या चाहती हैं राबड़ी देवी?
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उपेंद्र कुशवाहा के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेडीयू की कमान किसी और को सौंपने की सलाह ने बिहार की राजनीति में गरमाहट ला दी है. कुशवाहा ने नीतीश कुमार से यह भी अपील की है कि वे मुख्यमंत्री पद पर बने रहें. उनका मानना है कि सरकार और पार्टी दोनों को एक साथ चलाना नीतीश कुमार के लिए उचित नहीं है, और बिहार को उनके अनुभव का लाभ मिलता रहना चाहिए. कुशवाहा का इशारा था कि नीतीश कुमार पार्टी की कमान अपने बेटे निशांत को सौंप दें, और उन्होंने निशांत के जन्मदिन के अवसर पर यह सलाह दी.

उपेंद्र कुशवाहा अकेले नहीं हैं जिन्होंने नीतीश कुमार को ऐसी सलाह दी है. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी इसी तरह की सलाह नीतीश कुमार को दी है.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि उनकी यह सलाह अकेले उनकी नहीं, बल्कि जेडीयू के हजारों कार्यकर्ताओं की भी राय है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुशवाहा निशांत को जेडीयू का भविष्य मानते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि कुशवाहा अपने लिए ही सियासी जमीन तैयार कर रहे हैं.

उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार कभी एक साथ थे, लेकिन उनके रिश्तों में कई बार उतार-चढ़ाव आए हैं. कुशवाहा जेडीयू के संस्थापक सदस्य हैं, लेकिन वे तीन बार जेडीयू छोड़ चुके हैं. 2014 में उन्हें सबसे बड़ी सफलता मिली थी जब उनकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने एनडीए में रहते हुए चार सीटों पर चुनाव लड़कर तीन पर जीत दर्ज की थी.

वर्तमान में कुशवाहा एनडीए में बने हुए हैं, लेकिन नीतीश कुमार को सलाह दे रहे हैं. वे नीतीश कुमार के स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि कुछ वीडियो में नीतीश कुमार का व्यवहार लोगों को परेशान कर रहा है, जिससे उनके स्वास्थ्य को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं.

कुशवाहा निशांत कुमार को जेडीयू की उम्मीद बताकर यह संदेश देना चाहते हैं कि नीतीश कुमार को अपना उत्तराधिकारी चुनना चाहिए. उनका मानना है कि अगर निशांत जेडीयू की कमान संभालते हैं तो वह नीतीश की विरासत संभालेंगे. यह भी हो सकता है कि कुशवाहा खुद को जेडीयू में मजबूत स्थिति में लाना चाहते हैं.

जेडीयू ने उपेंद्र कुशवाहा की मांग को खारिज कर दिया है. उसका कहना है कि नीतीश ही जेडीयू का चेहरा हैं और रहेंगे, और पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनके साथ हैं. लोजपा (आरवी) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी राज्य में मजबूत नेतृत्व की मांग उठा चुके हैं.

बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी ने कहा है कि नीतीश कुमार को सीएम पद अपने बेटे निशांत को सौंप देना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा है कि नीतीश कुमार से बिहार में अपराध नहीं संभल रहा है, इसलिए उन्हें या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या अपने बेटे को सीएम बना देना चाहिए.

इस स्थिति में सबसे बड़ी चुनौती नीतीश कुमार पर है, जिन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंताओं के बीच पार्टी और सरकार के बीच सामंजस्य बनाना होगा, खासकर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले.

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