लखनऊ में 12वीं पास युवकों का साइबर ठगी गिरोह, 500 करोड़ की लूट!
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लखनऊ में एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. इस गिरोह ने दक्षिण भारत के लगभग ढाई लाख लोगों को ऑनलाइन गेमिंग का झांसा देकर 500 करोड़ रुपये की ठगी की.

सिर्फ 12वीं पास 15 युवकों का यह गिरोह श्रीलंका में बैठे मास्टरमाइंड के इशारे पर काम कर रहा था. स्थानीय सरगना विशाल यादव, जिसे गन्नी और प्रिंस के नाम से भी जाना जाता है, दुबई से इस पूरे नेटवर्क को संचालित करता था.

पुलिस ने 11 जून को पीजीआई क्षेत्र में छापेमारी कर 15 ठगों को गिरफ्तार किया है, हालांकि विशाल अभी भी फरार है. यह गिरोह ठगी के लिए एक विशेष तरीका अपनाता था. लोगों को ऑनलाइन गेमिंग में पैसे हारने का भ्रम होता था, जिसके कारण वे शिकायत दर्ज नहीं कराते थे.

गिरोह छोटी-छोटी रकम (1,000 से 3,000 रुपये) की ठगी करता था, ताकि लोग पुलिस तक न पहुंचें. इसके अलावा, वे हर एक-दो महीने में अपना ठिकाना बदल लेते थे, जिससे स्थानीय लोगों को उनकी गतिविधियों का पता न चल सके.

पुलिस ने वृंदावन कॉलोनी के एक पेंटहाउस में छापा मारा, जहां उन्हें एक कॉल सेंटर जैसा सेटअप मिला. यहां लैपटॉप और मोबाइल पर काम कर रहे ठगों को पकड़ा गया. उनके पास बैंक खातों और IFSC कोड की जानकारी कोडिंग में दर्ज थी. गिरोह के सदस्यों को 20,000 रुपये मासिक वेतन और 100 टारगेट पूरे करने पर कमीशन दिया जाता था.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे अन्ना रेड्डी नामक गेमिंग ऐप के माध्यम से दक्षिण भारतीय लोगों को ठगते थे. इस ऐप में जीत-हार के बहाने लोगों से पैसे ऐंठे जाते थे. मास्टरमाइंड पहले दुबई और सिंगापुर से काम करता था, लेकिन अब श्रीलंका में छिपा है. विशाल यादव उसका स्थानीय संपर्क था, जो दुबई से नेटवर्क की निगरानी करता था.

मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. ठगों ने पुलिस के पहुंचने से पहले डेटा डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन साइबर क्राइम सेल डेटा रिकवरी के प्रयास में जुटी है. छापेमारी में 70 मोबाइल फोन, 11 लैपटॉप, 115 डेबिट कार्ड, 25 चेकबुक, 53 पासबुक और 38 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. गिरोह में बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के युवक शामिल थे.

यूपी पुलिस अब विशाल यादव की एयर ट्रैवल हिस्ट्री और बैंक अकाउंट की जांच कर रही है. साइबर क्राइम सेल ठगी के शिकार लोगों और मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए डेटा का विश्लेषण कर रही है. यह मामला साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को दर्शाता है, जिसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है.

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