तुर्की के दुश्मन ने मोदी को दिया सर्वोच्च सम्मान, बिलबिला उठा पाकिस्तान!
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस की यात्रा पर हैं, जहां उन्हें यूरोपीय देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया। साइप्रस का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले वे दुनिया के 23वें नेता हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है। उन्होंने इसे भारत और साइप्रस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को समर्पित किया।

साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राजधानी निकोसिया में प्रधानमंत्री मोदी को ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मैकारियोस III से सम्मानित किया।

सम्मान मिलने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह साइप्रस सरकार और लोगों को हार्दिक बधाई देते हैं। यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों की ताकत और आकांक्षाओं का सम्मान है।

उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत की संस्कृति, भाईचारे और वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा का सम्मान है। वे इस सम्मान को भारत और साइप्रस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों, साझा मूल्यों और आपसी समझ को समर्पित करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे सभी भारतीयों की ओर से अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ इस सम्मान को स्वीकार करते हैं। यह सम्मान शांति, सुरक्षा, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और समृद्धि के प्रति भारत की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में भारत और साइप्रस की साझेदारी नई ऊंचाइयों को छुएगी। उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर न केवल अपने विकास को मजबूत करेंगे, बल्कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वैश्विक वातावरण के निर्माण में भी योगदान देंगे।

सोमवार को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री मोदी का आधिकारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलाइड्स ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

अपनी तीन देशों की यात्रा पर रविवार को साइप्रस पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ कारोबारियों के साथ गोलमेज बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने व्यापार, निवेश और रक्षा जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया, क्योंकि इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि साइप्रस लंबे समय से भारत का भरोसेमंद साझेदार रहा है। 23 साल बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री साइप्रस की यात्रा पर आया है और पहला कार्यक्रम कारोबारियों के साथ गोलमेज बैठक थी, जो दर्शाता है कि आर्थिक जगत से जुड़े लोग भारत और साइप्रस के संबंधों के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि कई भारतीय कंपनियां साइप्रस को यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में देखती हैं। साइप्रस के बाद प्रधानमंत्री मोदी कनाडा और क्रोएशिया भी जाएंगे। पिछले दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली साइप्रस यात्रा है।

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