क्या लालू यादव ने जन्मदिन पर बाबा साहेब का अपमान किया? बीजेपी ने घेरा, जानिए सच्चाई
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राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के 78वें जन्मदिन पर एक वायरल वीडियो ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक समर्थक बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर लालू के पैरों के पास रखकर फोटो खिंचवा रहा है।

लालू ने तस्वीर को न छुआ और न ही उठाया, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने इसे आंबेडकर का अपमान बताया है।

वीडियो में लालू अपने आवास पर सोफे पर बैठे हैं। एक कार्यकर्ता आंबेडकर की तस्वीर उनके पैरों के पास रखता है, जिसे बाद में सुरक्षाकर्मियों द्वारा हटा दिया जाता है।

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस वीडियो को साझा करते हुए लालू पर दलित समाज के मसीहा का अपमान करने का आरोप लगाया है।

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसे बीजेपी का झूठा प्रचार बताया है। उन्होंने कहा कि लालू ने बिहार में आंबेडकर की कई मूर्तियां स्थापित कराई हैं।

तेजस्वी ने इस विवाद को आलतू-फालतू करार दिया है। लालू की ओर से इस मामले में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे यह विवाद और भी गरमाता जा रहा है।

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर चुनाव होंगे। NDA (बीजेपी-जेडीयू) और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) के बीच कड़ी टक्कर की संभावना है।

बिहार की लगभग 20% आबादी दलित समुदाय की है, जो चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में निर्णायक भूमिका निभाती है।

2020 के विधानसभा चुनावों में आरजेडी को 23.1% वोट (75 सीटें) मिलीं, बीजेपी को 19.5% (74 सीटें) और जेडीयू को 15.4% (43 सीटें) हासिल हुईं।

बीजेपी नेता कृष्णनंदन पासवान ने कहा है कि लालू और तेजस्वी को दलित बस्तियों में घुसने नहीं दिया जाएगा।

जेडीयू प्रवक्ता हिमराज राम ने लालू पर दलित नरसंहार का आरोप लगाते हुए सियासी हमले तेज कर दिए हैं।

एनडीए के दलित चेहरा जीतन राम मांझी ने इस घटना को राजद का काला अध्याय बताया है।

पिछले चुनावों में दलित वोटों का ध्रुवीकरण देखा गया था। इस बार एनडीए इस विवाद को चुनावी मुद्दा बनाना चाहती है।

आरजेडी का ओबीसी-मुस्लिम-दलित गठजोड़ अभी भी मजबूत है। तेजस्वी यादव की युवा अपील भी दलित मतदाताओं को आकर्षित कर रही है।

लालू यादव किडनी सहित कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि किडनी रोगियों को संक्रमण से बचना चाहिए।

आरजेडी नेता इस विवाद को फालतू बताकर खारिज कर रहे हैं, लेकिन राजनीतिक विपक्ष इसे बिहार चुनाव में भुनाने से पीछे नहीं हटेगा।

यह विवाद बिहार चुनाव के दलित वोट बैंक पर असर डालने की संभावना रखता है।

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