कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के जी-7 शिखर सम्मेलन के न्योते के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के लिए रवाना हो चुके हैं.
कनाडा पहुंचने से पहले वहां कुछ सिख संगठन उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. वो पीएम मोदी को दिए गए न्योते का विरोध कर रहे हैं. शनिवार को ओटावा में सिख समुदाय से जुड़े कुछ लोगों ने संसद के सामने प्रदर्शन किया.
जानकारों का मानना है कि मोदी के इस दौरे से भारत और कनाडा के रिश्तों में सुधार आ सकता है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार संबंध बेहतर होने की भी संभावना है.
कनाडा पहुंचने से पहले पीएम मोदी 15 और 16 जून को साइप्रस में रहेंगे. इसके बाद मोदी कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में मौजूद कैनेनास्किस जाएंगे. यहां वो जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और फिर 18 जून को क्रोएशिया के लिए रवाना होंगे.
भारत जी-7 का सदस्य नहीं है, जिसमें ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं. लेकिन 2019 से भारत को जी-7 के शिखर सम्मेलनों में आमंत्रित किया जाता रहा है.
2015 के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली कनाडा यात्रा होगी. 2023 में कनाडा में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी. कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसमें भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया.
सिख फेडरेशन कनाडा के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह कनाडा में सिख संगठनों के विरोध को लेकर कहते हैं कि पीएम मोदी के निमंत्रण पर कुछ शर्तें होनी चाहिए.
ब्रिटीश कोलंबिया के सरे में मौजूद गुरुद्वारे के सदस्यों ने प्रधानमंत्री कार्नी को पत्र लिखकर कनाडा सरकार से अनुरोध किया है कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिए गए निमंत्रण को रद्द कर दें.
कनाडा के सरकारी न्यूज़ चैनल सीबीसी के अनुसार, शनिवार को अल्बर्टा के कैलेगरी शहर में सामाजिक कार्यकर्ता जुटे और रविवार को होने वाले प्रदर्शनों के लिए पीपुल्स फोरम आयोजित किया.
कनाडा सिख फेडरेशन के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह ने कहा, चर्चा का विषय यह रहा है कि जब तक पीएम मोदी देश से बाहर नहीं चले जाते, तब तक विरोध जारी रखा जाए.
मॉन्ट्रियल स्थित इंडिया कनाडा ऑर्गनाइजे़शन (आईसीओ) के उपाध्यक्ष ने कहा, हम आपका (मोदी) कनाडा में हार्दिक स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि आपके आने से भारत और कनाडा के बीच संबंध और भी मज़बूत और समृद्ध होंगे.
कनाडा के विपक्षी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता जेनी क्वान ने कार्नी सरकार के फ़ैसले की आलोचना की है. जेनी क्वान ने कहा कि मोदी के लिए रेड कार्पेट बिछाना सही नहीं है क्योंकि भारत कनाडा के अधिकारियों के साथ सहयोग करने से इनकार करता है और हत्याओं के लिए ज़िम्मेदारी से इनकार करता है.
न्यू जर्सी में, ग्लोबल इंडियन डायस्पोरा एलायंस के अध्यक्ष एचएस पनेसर ने इस यात्रा की सराहना करते हुए इसे भारत-कनाडाई संबंधों को फिर से स्थापित करने और पुनर्निर्माण करने का एक महत्वपूर्ण क्षण बताया.
भारत और कनाडा के प्रधानमंत्रियों की जी-7 कनाडा शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाक़ात पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, दोनों नेताओं के बीच आगामी बैठक से आपसी सम्मान, साझा हितों और एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को फिर से स्थापित करने के रास्ते तलाशने में मदद मिलेगी.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत और कनाडा ने आतंकवाद, अपराध पर ख़ुफ़िया जानकारी साझा करने के लिए समझौता किया है.
हालिया जी-7 शिखर सम्मेलन को भारत और कनाडा के बीच संबंधों को सुधारने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है लेकिन निज्जर की हत्या की जांच की गुत्थी अभी भी पूरी तरह से सुलझी नहीं है.
कनाडा के पूर्व राजनयिक डेविड मैकिनन का मानना है कि मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करके कार्नी ने सही निर्णय लिया है.
कनाडा के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री उज्जल दोसांझ का मानना है कि जी-7 भारत और कनाडा के तनावपूर्ण संबंधों को फिर से स्थापित करने का एक बहुत ज़रूरी अवसर प्रदान करता है, विशेष रूप से खालिस्तान से जुड़े मुद्दे को लेकर चले आ रहे लंबे तनाव के कारण.
विदेश नीति विश्लेषक माइकल कुगलमैन का कहना है कि द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी से ही खालिस्तान के मुद्दे को संभाला जा सकता है.
स्वस्ति राव, अंतरराष्ट्रीय संबंधों की विशेषज्ञ हैं और मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिफ़ेंस स्टडीज़ से जुड़ी हैं. उन्होंने कहा कि मार्क कार्नी एकदम से सब कुछ नहीं बदल देंगे. वह भी घरेलू राजनीति को देखते हुए क़दम उठाएंगे लेकिन भारत के लिहाज़ से भी यह बेहतर अवसर है.
#WATCH | Canada: On PM Modi to participate in the G-7 Summit in Canada, Harjit Singh Sandhu, Vice Chairman of the India Canada Organisation (ICO), Montreal, says We warmly welcome you to Canada and hope that with your arrival, the relations between India and Canada will grow… pic.twitter.com/vUo223JCJ2
— ANI (@ANI) June 15, 2025
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