क्या पाकिस्तान पर अमेरिकी जनरल की टिप्पणी भारत के लिए चिंता का विषय है?
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अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का अभूतपूर्व सहयोगी बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों को भारत से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

जनरल कुरिला ने यह बात अमेरिकी हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमिटी की बैठक से पहले कही। उनका कहना था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की कीमत अमेरिका को पाकिस्तान के साथ संबंधों से नहीं चुकानी चाहिए। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के जल्द ही अमेरिका की यात्रा करने की खबरें हैं।

पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव चरम पर था। डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार कहा कि ट्रेड रोकने की धमकी के कारण दोनों देश संघर्ष विराम के लिए राजी हुए। पाकिस्तान ने कई मौकों पर संघर्ष विराम के लिए अमेरिका का आभार जताया, लेकिन भारत ने संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका से इनकार किया।

कुरिला ने कहा कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संबंध रखने चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, खासकर इस्लामिक स्टेट खुरासान (आईएसआईएस-के) को रोकने में। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ साझेदारी के कारण अमेरिका ने आईएसआईएस-के के कई सदस्यों को मारा है और खुफिया जानकारी की मदद से पांच महत्वपूर्ण लोगों को पकड़ने में सफलता मिली है।

हालांकि, अफगानिस्तान में अमेरिका के राजदूत रहे ज़लमय खलीलज़ाद ने कुरिला के बयान पर अपनी असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि कुरिला ने आतंकवाद को रोकने के मामले में पाकिस्तान के सहयोग को बढ़ा-चढ़ाकर बताया है। खलीलज़ाद ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद विरोधी अभियानों को सीमित कर रहा है और उनके देश में सैकड़ों आईएसआईएस के आतंकवादी सक्रिय हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में ही मिला था।

इंडो-पैसिफिक मामलों के जानकार डेरेक जे ग्रॉसमैन ने कुरिला के बयान को भारत के अमेरिका पर भरोसा न करने का कारण बताया है। भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा कि कुरिला ने सेना प्रमुख मुनीर की सकारात्मक अप्रोच की सराहना की, लेकिन यह काम पाकिस्तानी सेना प्रमुख के दायरे में नहीं आता है और इससे पता चलता है कि कैसे पाकिस्तान अमेरिका को झांसा देता है।

दक्षिण एशिया मामलों के जानकार माइकल कुगलमैन का मानना है कि जनरल मुनीर और जनरल कुरिला दो साल से भी कम समय में तीन बार मिल चुके हैं, और कुरिला ने उनकी तारीफ की है। सामरिक मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी का कहना है कि भारत-पाकिस्तान तनाव में हर अमेरिकी हस्तक्षेप ने सिविलियन अथॉरिटी की कीमत पर पाकिस्तान सेना को मजबूत किया है।

यूरोपीय संघ की नीतियों पर केंद्रित एक समाचार वेबसाइट यूरेक्टिव ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का इंटरव्यू किया। इंटरव्यू में जयशंकर से डोनाल्ड ट्रंप की विश्वसनीयता के बारे में पूछा गया। जयशंकर ने कहा कि भारत का लक्ष्य हर उस रिश्ते को आगे बढ़ाना है जो उसके हितों के अनुरूप हो, और अमेरिका के साथ रिश्ता भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह किसी व्यक्ति विशेष (एक्स) या राष्ट्रपति (वाई) के बारे में नहीं है।

गौरतलब है कि ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति पद संभालने के बाद कई बार टैरिफ को लेकर भारत पर निशाना साधा है और कई बार भारत को टैरिफ किंग कह चुके हैं।

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