दंगाइयों ने लगाई आग, सेना उतारी: क्या ट्रंप अपने देश में दंगा नहीं रोक पा रहे?
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लॉस एंजेलिस लगातार चौथे दिन जल रहा है। शहर में दंगे, आगजनी और लूटपाट मची है। राष्ट्रपति ट्रंप ने दंगों से निपटने के लिए नेशनल गार्ड लगाए, लेकिन वो भी पूरी तरह दंगाइयों पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं।

अमेरिका में प्रदर्शनकारियों के अंदर डॉनल्ड ट्रंप और उनकी सेना का डर खत्म हो चुका है। जिस राज्य में डॉनल्ड ट्रंप ने सेना तैनात की, वहां पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। कैलिफोर्निया में दायर किया गया मुकदमा सारी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।

यह मुकदमा गवर्नर की मंजूरी के बगैर लॉस एंजेलिस में 2 हजार नेशनल गार्ड की तैनाती पर दर्ज कराया गया है। शिकायत में कहा गया कि लॉस एंजेलिस में सैनिकों की तैनाती फेडरल सरकार के अधिकार में नहीं आती।

कैलिफोर्निया सरकार का कहना है कि सेना की तैनाती करके ट्रंप ने संघीय कानून का दुरुपयोग किया, जो विशेष परिस्थितियों में सेना भेजने की अनुमति देता है। किसी राज्य में सेना की तैनाती विदेशी हमले या अमेरिकी सरकार के खिलाफ बड़े विद्रोह के दौरान की जाती है। राज्य में ऐसी कोई स्थिति नहीं है।

कैलिफोर्निया के गवर्नर ने आरोप लगाया कि डॉनल्ड ट्रंप जानबूझकर कैलिफोर्निया में अराजकता पैदा कर रहे हैं और इस तैनाती के जरिए अपना राजनीतिक हित साधना चाहते हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसोम को गिरफ्तार कर लिया जाए तो यह बहुत अच्छा होगा।

ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कुछ बेहतरीन नेशनल गार्ड भेजे हैं, जिन्होंने समस्याओं से निपटने में मदद की।

अब अफगानिस्तान और इराक में युद्ध लड़ने वाले अमेरिकी मरीन कमांडो लॉस एंजेलिस में दंगाइयों से निपटेंगे। मरीन कमांडो के हेलीकॉप्टर आसमान में दिखने लगे हैं।

अमेरिकी मरीन कमांडो दुनिया की सबसे घातक स्पेशल फोर्स का हिस्सा हैं। जो समुद्र, जमीन और हवा हर जगह ऑपरेशन कर सकते हैं। अमेरिका इनका इस्तेमाल आतंकवाद के खिलाफ या विदेशों में ऑपरेशन के दौरान करता है। इनकी ट्रेनिंग इतनी मुश्किल है कि सिर्फ 10 से 15 फीसदी उम्मीदवार इसे पास कर सकते हैं।

डॉनल्ड ट्रंप के आदेश पर अब ये मरीन कमांडो दंगाइयों से फेडरल सरकार के संस्थानों की सुरक्षा करेंगे। अराजकता के दौरान फेडरल एजेंसी के कर्मचारी संकट में फंसे तो मरीन कमांडो उनकी सुरक्षा में उतरेंगे। इस तरह मरीन कमांडो की तैनाती को अमेरिका में अभूतपूर्व माना जा रहा है।

अमेरिका में राज्य की शिक्षा और स्वास्थ्य की नीतियां बनाने की ताकत राज्यपाल के पास होती है और राष्ट्रपति इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। राज्यपाल के पास अपने राज्य में हुए अपराधों के लिए क्षमादान की शक्ति होती है। जबकि राज्य में मौजूद फेडरल एजेंसियों और विभागों पर राष्ट्रपति का नियंत्रण होता है।

अमेरिका में राज्यपाल अपने राज्य की कानून व्यवस्था के मामले में राष्ट्रपति से ज्यादा शक्तिशाली होता है। राष्ट्रपति की जिम्मेदारी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा की होती है। राज्यपाल के पास राज्य पुलिस और अपने राज्य में नेशनल गार्ड की तैनाती का अधिकार भी होता है। राष्ट्रपति सिर्फ विशेष परिस्थितियों में सेना भेजने का फैसला कर सकता है। कैलिफोर्निया में इसी तैनाती पर विवाद चल रहा है।

यह मामला अब अदालत तक पहुंच गया है लेकिन ट्रंप कैलिफोर्निया में और ज्यादा नेशनल गार्ड तैनात करने का एलान कर चुके हैं। कैलिफोर्निया राज्य के गवर्नर और राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच सीजफायर नहीं होने वाला और ये लड़ाई अमेरिका के हित में बिल्कुल नहीं है।

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