गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे एक डॉक्टर के साथ बदतमीजी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। घटना गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के निरीक्षण के दौरान हुई। मंत्री राणे ने ड्यूटी पर तैनात डॉ. रुद्रेश कुट्टीकर पर मरीजों के साथ गलत व्यवहार करने का आरोप लगाया और उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया।
वीडियो वायरल होने के बाद विवाद बढ़ गया। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने हस्तक्षेप करते हुए डॉक्टर का सस्पेंशन रद्द कर दिया और इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर दी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने सोशल मीडिया पर माफी मांगते हुए लिखा कि उन्होंने हीट ऑफ द मूमेंट में स्थिति को ठीक से नहीं संभाला, जिसके लिए उन्हें दुख है।
राणे की माफी पर सवाल उठ रहे हैं कि जब नेता वोट मांगने जाते हैं और जनता उनकी नहीं सुनती, तब उन्हें हीट ऑफ द मूमेंट क्यों नहीं होता? वोट मांगते समय तो नेता हाथ जोड़कर मुस्कुराते रहते हैं, तो ऐसा क्या हो जाता है कि सत्ता में आते ही इतना गुस्सा आने लगता है?
यह मामला सिर्फ गोवा का नहीं है। हमारे देश में पावर प्रदर्शन का यह खेल नेता से लेकर अभिनेता, नौकरशाह से लेकर पुलिसवाले तक, और सरकारी कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सभी खेलते हैं। जिसे जहां मौका मिलता है, अपने पावर का प्रदर्शन करने से चूकता नहीं है। देश की 99% जनता इस पावर प्रदर्शन से परेशान है, क्योंकि देश में केवल 1% लोग ही पावर प्रदर्शन के इस खेल के खिलाड़ी हैं।
एक रिपोर्ट में अलग-अलग पेशे और उनसे जुड़े लोगों के अहंकार और पावर प्रदर्शन की ग्रेडिंग की गई है। सबसे ज्यादा अहंकार वाले लोगों को 5 स्टार रेटिंग दी गई, जबकि सबसे कम अहंकार वाले लोगों को 1 स्टार की रेटिंग दी गई। इस रिसर्च के मुताबिक, मंत्री या राजनेता में सबसे ज्यादा अहंकार की भावना होती है। इसके बाद डॉक्टर, खास तौर पर सर्जन, में अहंकार की भावना काफी ज्यादा होती है। डॉक्टर की तरह ही CEO और कॉरपोरेट जगत के बड़े अधिकारी भी काफी अहंकारी प्रवृत्ति के होते हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि IAS या प्रशासनिक अधिकारियों में भी अहंकार की भावना होती है। अहंकार की रेटिंग में चौथे पायदान पर प्रोफेसर और शोधकर्ता आते हैं, जबकि नर्स और शिक्षक में अहंकार की भावना सबसे कम होती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने कहा था, लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है , लेकिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में जनता द्वारा ही चुने गए प्रतिनिधि सबसे ज्यादा अपनी पावर का गलत इस्तेमाल करते हैं।
#DNAWithRahulSinha | पहले डॉक्टर से बदतमीजी, फिर माफी ! मंत्री होना.. बदसलूकी करने का लाइसेंस है?#DNA #VishwajitRane #Goa @RahulSinhaTV pic.twitter.com/mGhrv1NGRu
— Zee News (@ZeeNews) June 9, 2025
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