लॉस एंजेलिस में प्रदर्शन के दौरान ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार को लाइव टीवी पर रबर बुलेट!
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लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन रेड के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान एक ऑस्ट्रेलियाई महिला पत्रकार को लाइव रिपोर्टिंग करते समय रबर की गोली लग गई।

चैनल नाइन न्यूज की रिपोर्टर लॉरेन टोमासी लॉस एंजेलिस की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों और दंगा नियंत्रण पुलिस के बीच फंस गई थीं। पुलिस दंगा नियंत्रित करने के लिए रबर बुलेट्स और गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल कर रही थी।

इसी दौरान एक रबर बुलेट सीधा लॉरेन टोमासी की जांघ में जा लगी। दर्द से कराहती हुई उन्होंने अपनी जांघ पकड़ ली। कैमरामैन के पूछने पर उन्होंने कहा, हां, मैं ठीक हूं, मैं ठीक हूं, और फिर सुरक्षा की ओर हट गईं।

ये विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को शुरू हुए जब ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट) ने अचानक फैशन डिस्ट्रिक्ट, होम डिपो और एक क्लोथिंग होलसेलर पर छापेमारी की। इन रेड्स के दौरान 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया, जिसके बाद गुस्साए लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

शुरुआत में शांतिपूर्ण रहे ये प्रदर्शन रविवार तक उग्र हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों में आग लगा दी, फ्लैश बैंग ग्रेनेड, पेपर स्प्रे और फायरवर्क्स का इस्तेमाल किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच सीधी भिड़ंत हुई।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया। यह आदेश कैलिफोर्निया के गवर्नर की अनुमति के बिना दिया गया, जो 1967 के बाद पहली बार हुआ।

गवर्नर गैविन न्यूसम ने इस कदम को अवैध और उकसाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन है और इससे हिंसा बढ़ सकती है। लॉस एंजेलिस की मेयर करेन बैस ने भी फैसले की वैधता पर सवाल उठाए और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

ट्रंप ने इस पूरे विरोध को माइग्रेंट इनवेज़न (प्रवासी आक्रमण) बताते हुए कहा कि देश में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हिंसा जारी रही, तो वह एक्टिव ड्यूटी मरीन सैनिकों को भी तैनात कर सकते हैं।

डाउनटाउन लॉस एंजेलिस, पैरामाउंट और कॉम्पटन में प्रदर्शनकारियों ने हाईवे ब्लॉक किए, वाहनों को आग लगाई और हथियारों से लैस पुलिस के साथ टकराव किया। पुलिस को आंसू गैस और ISP (इमिग्रेशन स्पेशल फोर्स) का इस्तेमाल करना पड़ा। शनिवार को 30 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से तीन पर पुलिस अधिकारी पर हमला करने का संदेह है। कई लोग घायल हुए हैं।

लॉरेन टोमासी के साथ हुई यह घटना सवाल उठाती है कि प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की सुरक्षा इन उग्र प्रदर्शनों में कितनी खतरे में है। रिपोर्टिंग के दौरान उन्हें गोली लगना यह दर्शाता है कि पुलिस का बल प्रयोग सिर्फ प्रदर्शनकारियों तक ही सीमित नहीं रहा।

यह विरोध अब सिर्फ इमिग्रेशन मुद्दा नहीं रह गया है, बल्कि यह संघीय बनाम राज्य सरकार के अधिकार और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार की बहस का केंद्र बन गया है। ACLU (अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन) और कैलिफोर्निया डेमोक्रेट्स ने राष्ट्रपति ट्रंप के कदम को तानाशाही बताया है।

लॉस एंजेलिस में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि अमेरिका में इमिग्रेशन और प्रदर्शनकारी अधिकारों को लेकर बहस अभी खत्म नहीं हुई है। आने वाले दिनों में यह मामला और भी राजनीतिक मोड़ ले सकता है, विशेषकर जब अगले राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं।

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