सूदखोरी: 37 गुंडे पाले, 25 फरार, तोमर बंधु पुलिस को चकमा देकर गायब
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रायपुर। मारपीट, सूदखोरी और घर में हथियार बरामद होने के मामले में वीरेंद्र और रोहित तोमर, पुलिस के चंगुल से बच निकले हैं। अपराध दर्ज होने के बाद भी दोनों भाई पुलिस को चकमा देने में सफल रहे।

पुलिस टीम आरोपियों को ढूंढने के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।

सूदखोरी के इस मामले में वीरेंद्र और रोहित की पत्नियों को भी आरोपी बनाया गया है, लेकिन पुलिस ने अभी तक उन्हें पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है।

पुलिस की जानकारी के अनुसार, वीरेंद्र और रोहित ने अपनी सूदखोरी की दुकान के साथ लोगों को डराने-धमकाने के लिए लगभग 37 गुंडे पाले थे, जिनमें से 25 गुंडे गायब हैं। पुलिस उनकी खोज में जुटी हुई है।

पुलिस ने रोहित और वीरेंद्र के दो कर्मचारियों को उनका साथ देने के आरोप में आरोपी बनाया है।

जांच में यह भी आशंका जताई जा रही है कि दोनों भाइयों ने सूदखोरी से प्राप्त धन को सट्टा कारोबार में निवेश किया है। पुलिस उनके और परिवार के सदस्यों के बैंक खातों की जांच कर रही है, साथ ही सट्टे से जुड़े लिंक को भी तलाश रही है।

पुलिस को शक है कि दोनों भाई नेपाल में छिपे हो सकते हैं।

तोमर बंधुओं के आलीशान घर पर पुलिस ने छापा मारा था, जिसमें 37 लाख रुपये नकद, जमीनों के कागजात, अवैध हथियार, कारतूस, 70 तोला सोना और लग्जरी गाड़ियां जब्त की गई थीं।

तोमर भाइयों ने अपने घर को एक अभेद्य किले की तरह बना रखा था ताकि पुलिस की कार्रवाई से बचा जा सके। उन्होंने सुरक्षा के लिए घर के आसपास कई सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे और कर्मचारियों को उनकी निगरानी के लिए रखा था। किसी भी आपात स्थिति की जानकारी कर्मचारी तुरंत वीरेंद्र और रोहित को देते थे, जिसका फायदा उठाकर वे भागने में सफल रहे।

दोनों सूदखोर भाइयों ने ब्याज के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये वसूले हैं और कर्जदारों को धमकाकर उनकी संपत्ति अपने नाम कराई है। ज्यादातर संपत्ति भाइयों ने अपने कर्मचारियों के नाम पर रजिस्टर कराई है। जिन कर्मचारियों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं और जिनके नाम पर संपत्ति है, वे सभी कर्मचारी गायब हैं और पुलिस को उनकी कोई जानकारी नहीं है।

सूत्रों के अनुसार, मंगलवार की सुबह पुरानी बस्ती पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम रोहित तोमर की तलाश में उसके घर पहुंची, तब रोहित घर पर ही था। पुलिस को देखकर रोहित और वीरेंद्र ने घर की महिलाओं को आगे कर पुलिस को उलझा दिया। पुलिस ने जब वीरेंद्र के घर पहुंचकर रोहित की तलाश करने की बात कही, तो घर की महिलाओं ने पुलिस को तलाशी वारंट दिखाने को कहा और तलाशी लेने से रोक दिया। इसी दौरान दोनों भाई मौका देखकर फरार हो गए।

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