वैंकूवर: कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में, कनाडाई खोजी पत्रकार मोचा बेजीर्गन को वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने घेर लिया और उन्हें धमकियां दीं। यह घटना तब हुई जब वे वीकेंड में खालिस्तान समर्थकों की डाउनटाउन रैली का वीडियो बना रहे थे और तस्वीरें खींच रहे थे।
बेजीर्गन ने बताया, यह सब कुछ घंटे पहले हुआ और मैं अभी भी कांप रहा हूं। उन्होंने गुंडों की तरह बर्ताव किया, मुझे घेर लिया, मेरा फोन छीन लिया और रिकॉर्डिंग रोकने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ देर के लिए हुआ, लेकिन हालात काफी डरावने थे।
बेजीर्गन इस रैली को कवर करने गए थे, जिसमें खालिस्तान समर्थक इकट्ठा हुए थे। उन्होंने देखा कि ये लोग खुलेआम हिंसा की तारीफ कर रहे थे और भारत के खिलाफ भड़काऊ बातें कह रहे थे।
बेजीर्गन ने खालिस्तानी उग्रवाद पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, कनाडा और भारत के बीच तनाव की वजह से यह मसला बहुत सियासी हो गया है, लेकिन हम जमीन पर हो रही हकीकत को नजरअंदाज कर रहे हैं। ये लोग खुलेआम भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों की तारीफ कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, वे कहते हैं कि हम उनके वारिस हैं और उनकी तरह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सियासत को खत्म करने की बात करते हैं। मैंने उनसे पूछा कि क्या आप मोदी की सियासत को उसी तरह खत्म करेंगे, जैसे इंदिरा गांधी की सियासत खत्म की गई थी?
बेजीर्गन ने बताया कि ये लोग अपने को इंदिरा गांधी के हत्यारों का वंशज बताते हैं और हिंसा की इन हरकतों को सराहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब सुनकर उन्हें हैरानी हुई कि कैसे कुछ लोग आज़ादी के नाम पर हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं।
बेजीर्गन ने बताया कि यह आंदोलन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) नामक संगठन चला रहा है। उन्होंने कहा, ये लोग ही रैली का आयोजन करते हैं। ज़्यादातर वही चेहरे नजर आते हैं, चाहे वह ओंटारियो हो, ब्रिटिश कोलंबिया हो, अमेरिका, ब्रिटेन या न्यूज़ीलैंड। ये लोग स्थानीय गुरुद्वारों से लोगों को बुलाते हैं ताकि भीड़ जमा हो सके। लेकिन इसके पीछे बड़े सियासी संगठन भी हैं, जैसे कनाडा में बेस्ड विश्व सिख संगठन, जिसका अतीत विवादों से भरा है।
उन्होंने कहा कि विश्व सिख संगठन कनाडा में इन हरकतों को सियासी कवर देता है। बेजीर्गन का मानना है कि कनाडा-भारत के बीच तनाव की वजह से इस मसले को और हवा मिल रही है, लेकिन जमीन पर हो रही इन हरकतों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
बेजीर्गन ने चेतावनी दी कि खालिस्तानी समर्थकों का यह रवैया चिंता का सबब बन चुका है। वे न सिर्फ हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि भारत के खिलाफ भड़काऊ नारे भी लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ये लोग जी-7 जैसे मंचों पर भारत के प्रधानमंत्री की सियासत को खत्म करने की बात करते हैं। यह सिर्फ आजादी की बात नहीं, बल्कि हिंसा को बढ़ावा देने की साजिश है।
उन्होंने यह भी बताया कि वैंकूवर में उनके साथ हुई घटना कोई इत्तेफाक नहीं थी। वह कहते हैं कि यह दिखाता है कि कुछ लोग अपनी बात को दबाने के लिए कितना नीचे गिर सकते हैं।
बेजीर्गन ने आखिर में कहा कि वह इस तरह की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और सच को सामने लाने का काम जारी रखेंगे।
#WATCH | Vancouver, Canada: On being asked about Khalistani extremism, Canadian Investigative Journalist Mocha Bezirgan, says This is a movement headed by Sikhs for Justice (SFJ). They are the ones organising it, and most of the time, it s the same people attending these… pic.twitter.com/p8Z29IFcMj
— ANI (@ANI) June 8, 2025
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