मस्क का सनसनीखेज यू-टर्न: ट्रंप के खिलाफ यौन शोषण पोस्ट डिलीट, क्या राज़ दब गया?
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अमेरिका की राजनीति और तकनीक जगत के दो दिग्गज, इलॉन मस्क और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, एक अप्रत्याशित ट्विटर जंग में उलझ पड़े। विवाद का केंद्र बना जेफरी एप्स्टीन मामला, जिसने पहले भी कई प्रभावशाली व्यक्तियों को संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है।

टेस्ला और एक्स (पूर्व में ट्विटर) के मालिक इलॉन मस्क ने गुरुवार को एक चौंकाने वाला दावा किया कि ट्रंप का नाम एप्स्टीन से जुड़ी गोपनीय फाइलों में शामिल है। उन्होंने कहा, अब एप्स्टीन फाइलों को सार्वजनिक करने का समय आ गया है। डोनाल्ड ट्रंप का नाम उनमें है, इसीलिए उन्हें छिपाया जा रहा है।

हालांकि, यह पोस्ट कुछ ही घंटों में गायब हो गई, जिससे अटकलों का दौर शुरू हो गया। मस्क ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, इस ट्वीट को सहेज लें, बहुत कुछ खुलने वाला है। इससे संकेत मिला कि मस्क एप्स्टीन मामले से जुड़े बड़े खुलासे करने की तैयारी में थे। मस्क ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें ट्रंप एप्स्टीन के साथ एक पार्टी में दिख रहे हैं।

जेफरी एप्स्टीन, एक अरबपति फाइनेंसर, को पहली बार 2006 में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे कम सजा देकर छोड़ दिया गया, लेकिन 2019 में फिर से गिरफ्तार होने के बाद जेल में उसकी मौत हो गई। इसे आत्महत्या बताया गया, लेकिन इस पर कई साजिश के सिद्धांत भी सामने आए हैं। एप्स्टीन की मौत के बाद से ही उसकी कथित ब्लैक बुक को लेकर चर्चाएं हैं, जिसमें दुनिया के कई बड़े नामों का उल्लेख होने की बात कही जाती है। इनमें पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू, माइकल जैक्सन और अन्य प्रमुख लोगों के नाम शामिल हैं।

मस्क और ट्रंप के बीच हालिया बहस की शुरुआत ब्यूटीफुल बिल नामक एक टैक्स और खर्च बिल से हुई थी। ट्रंप ने मस्क पर आरोप लगाया कि उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन अनिवार्यता पर सरकार का समर्थन कर व्यापारिक हित साधे हैं। मस्क ने जवाब में ट्रंप को कृतघ्न बताया और कहा कि अगर उन्होंने 2016 में ट्रंप का समर्थन नहीं किया होता, तो ट्रंप चुनाव हार जाते। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पलटवार करते हुए कहा कि मस्क अब केवल अपनी सब्सिडी के बारे में चिंतित हैं।

एप्स्टीन पर किए गए ट्वीट्स को हटाने के पीछे मस्क का क्या उद्देश्य था, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। क्या उन पर कोई कानूनी दबाव था, या उन्होंने रणनीतिक चुप्पी साध ली है, यह सवाल अभी भी अनसुलझा है। मस्क और ट्रंप दोनों ही अमेरिका में भारी प्रभाव रखने वाले व्यक्ति हैं। इस सार्वजनिक टकराव ने न केवल एप्स्टीन मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, बल्कि राजनीति और व्यापार जगत के जटिल संबंधों को भी उजागर किया है।

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