लोकतंत्र में नाटक नहीं, सच्चाई ज़रूरी : राहुल गांधी के मैच फिक्सिंग बयान पर बीजेपी का चौतरफ़ा हमला
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में फिक्सिंग के आरोपों को लेकर देश की राजनीति में गर्माहट आ गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाने के बाद बीजेपी ने उन पर पलटवार किया है.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि लोकतंत्र को नाटक नहीं, सच्चाई की ज़रूरत है. उन्होंने राहुल के नवीनतम लेख को चुनाव दर चुनाव हारने की उनकी उदासी और हताशा के कारण फर्जी कहानी गढ़ने का खाका बताया.

नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के बारे में झूठ बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल की हरकतों के कारण कांग्रेस पार्टी चुनाव दर चुनाव हार रही है. आत्मनिरीक्षण करने के बजाय, वह विचित्र षड्यंत्र रचते हैं और धांधली का रोना रोते हैं. नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी तथ्यों और आंकड़ों को नजरअंदाज करते हैं, शून्य सबूत के साथ संस्थानों को बदनाम करते हैं और तथ्यों के बजाय सुर्खियों की उम्मीद करते हैं.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राहुल गांधी पर तीखा पलटवार किया. उन्होंने गांधी को झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए उनके राजनीतिक जमीर पर सवाल खड़े कर दिए.

फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी को समझना चाहिए कि सिर्फ़ आरोप लगाने से कुछ नहीं होता. जब तक वे ज़मीन पर नहीं उतरेंगे और तथ्यों को नहीं समझेंगे, तब तक कांग्रेस जीत नहीं सकती. उन्होंने कहा कि बार-बार तथ्य उजागर होने के बावजूद राहुल गांधी बेशर्मी से गलत बयानी कर रहे हैं. फडणवीस ने यह भी दावा किया कि राहुल गांधी को पहले से पता है कि बिहार चुनाव में कांग्रेस हारने वाली है, इसलिए वे ध्यान भटकाने के लिए महाराष्ट्र जैसे राज्यों में फर्जी आरोप लगा रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अनेकों बार चुनावों में जनता द्वारा नकारे जाने के बावजूद राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस सत्य को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर चुनावी हार के बाद चुनाव आयोग और जनादेश को कठघरे में खड़ा करना राहुल गांधी की हताशा है.

प्रधान ने राहुल गांधी को अपनी पार्टी के इतिहास को पढ़ने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर सवाल उठाने वाले ये वही लोग हैं जिन्होंने पूर्व में दो मुख्य चुनाव आयुक्तों को कांग्रेस में शामिल कराया था. उन्होंने पूछा कि क्या यह मान लिया जाए कि उनके कार्यकाल में चुनाव आयोग कांग्रेस के लिए काम करता था जिसके परिणामस्वरूप उनका प्रमोशन कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया था?

प्रधान ने कहा कि चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मैच फिक्सिंग बोलने वाले ये वही लोग हैं जिन्होंने चुनाव में हार के बाद अपनी सत्ता बचाने के लिए देश पर आपातकाल थोप दिया था.

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