तेज प्रताप यादव का रहस्यमय ट्वीट: क्या राजनीति में विश्वासघात से आहत हैं लालू के लाल?
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राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव इन दिनों अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स के कारण चर्चा में हैं। उनके हालिया ट्वीट पारिवारिक द्वंद्व, राजनीतिक धोखे और आत्म-साक्षात्कार की भावना को दर्शा रहे हैं।

शनिवार सुबह तेज प्रताप ने X पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने सत्य के मार्ग पर चलने की बात कही। उन्होंने राजा हरिश्चंद्र और महाभारत के पांडवों का उदाहरण देते हुए लिखा कि सत्य का रास्ता कठिन जरूर है, लेकिन अंत में विजय उसी की होती है जो सत्य पर चलता है। यह पोस्ट आध्यात्मिक होने के साथ-साथ उन राजनीतिक जयचंदों की ओर भी इशारा करता है जिनका उन्होंने पहले उल्लेख किया था।

इससे पहले, उन्होंने एक और प्रेरणादायक वाक्य लिखा था कि हमारे सभी सपने साकार हो सकते हैं; यदि हममें उन्हें पूरा करने का साहस हो। इन बातों से स्पष्ट है कि तेज प्रताप अपने संघर्ष को धार्मिक और नैतिक दृष्टिकोण से देख रहे हैं और किसी बड़े मानसिक द्वंद्व से गुजर रहे हैं।

1 जून को सुबह 5:27 बजे तेज प्रताप ने एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया था, जिसमें उन्होंने अपने माता-पिता - लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी - के प्रति अपना प्रेम और समर्पण व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, भगवान से बढ़कर है आप और आपका दिया कोई भी आदेश... पापा आप नहीं होते तो न ये पार्टी होती और न मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लालची लोग। यह संदेश उनके माता-पिता के प्रति श्रद्धा, पार्टी की जड़ों की याद और राजनीतिक विश्वासघात की ओर इशारा करता है।

उसी दिन दोपहर 1:30 बजे किए गए एक अन्य ट्वीट ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर दिए। तेज प्रताप ने लिखा, मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों... कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो, लेकिन खुद कृष्ण को नहीं। यहां अर्जुन और कृष्ण का प्रतीकात्मक प्रयोग महाभारत की राजनीति से प्रेरित है। लेकिन सवाल यह उठता है कि तेज प्रताप के अर्जुन कौन हैं? क्या वे अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव की ओर इशारा कर रहे हैं? उन्होंने आगे लिखा, मेरे भाई मम्मी-पापा का ख्याल रखना... जयचंद हर जगह हैं, अंदर भी और बाहर भी।

तेज प्रताप यादव का सार्वजनिक व्यक्तित्व एक साधारण राजनेता से अलग है। कभी भगवान कृष्ण के रूप में रथ पर चढ़ते, कभी शिव की वेशभूषा में साधना करते, और अब अपने पोस्ट्स के माध्यम से धार्मिक प्रतीकों और अध्यात्म से जुड़ी बातें साझा करते हुए वे एक अनोखी राजनीतिक छवि बना रहे हैं। उनके वर्तमान पोस्ट संकेत देते हैं कि वह न केवल राजनीति, बल्कि एक आत्म-संघर्ष और सत्य की तलाश के मार्ग पर चल रहे हैं। वह खुद को एक योद्धा मानते हैं जो भीतर और बाहर के जयचंदों से लड़ रहा है।

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