सऊदी अरब ने मक्का में हज के दौरान सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें जारी कर इसकी जानकारी दी है।
इन तस्वीरों में मिसाइल सिस्टम शहर के चारों तरफ तैनात दिखाए गए हैं, साथ ही मस्जिद अल-हराम की सैन्य हेलीकॉप्टर से निगरानी भी दिखाई गई है।
सऊदी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि एयर डिफेंस फ़ोर्स वह आंख है जो कभी पलक नहीं झपकाती और उनका मिशन खुदा के मेहमानों की हिफ़ाज़त करना है।
इस साल लगभग साढ़े बारह लाख लोग हज के लिए मक्का में जमा हुए हैं।
सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद लोगों ने पूछा है कि हज के दौरान सऊदी सरकार को यह हवाई रक्षा प्रणाली लगाने की ज़रूरत क्यों पड़ी।
कुछ लोगों का मानना है कि यह यमन के हूती लड़ाकों के संभावित हमले से बचाव के लिए है। हूती लड़ाकों ने पहले भी सऊदी अरब के शहरों को मिसाइल से निशाना बनाने का दावा किया है।
हालांकि, सऊदी अरब ने अतीत में हूतियों पर मक्का पर भी मिसाइल से हमला करने का आरोप लगाया है, जिसका हूतियों ने खंडन किया है।
सऊदी मीडिया के अनुसार, यह अमेरिकी पेट्रियट मिसाइल सिस्टम है, जिसे हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है।
गृह मंत्रालय ने हज के दौरान तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा और बेहतर व्यवस्था की जानकारी देने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी।
पब्लिक सिक्योरिटी डायरेक्टर लेफ़्टिनेंट जनरल मोहम्मद अल-बसामी ने कहा कि सऊदी अरब हज यात्रियों के लिए सुरक्षित माहौल देने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए संयुक्त सुरक्षा प्रणाली तैयार की गई है, जिसमें सुरक्षा, शांति व्यवस्था, क्राउड मैनेजमेंट, ट्रैफ़िक और इमरजेंसी से निपटने की व्यवस्था शामिल है।
उन्होंने बताया कि हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए ड्रोन्स और पांच हज़ार कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।
सऊदी एयर फ़ोर्स भी सुरक्षा और इमरजेंसी की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक व्यवस्था में हिस्सा ले रही है।
पिछले साल हज के दौरान व्यवस्था की गड़बड़ियों, सुविधाओं की कमी और तेज़ गर्मी की वजह से कई हज यात्रियों की जान चली गई थी।
यह मिसाइल सिस्टम 1990 की शुरुआत में चर्चा में आया था। यह मिसाइल और विमान भेदी सुरक्षा व्यवस्था है, जिसे अमेरिकन कंपनी रेथियॉन और लॉकहीड मार्टिन ने तैयार किया है।
पेट्रियट एमआईएम 104 लंबी दूरी तक मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है, जो जहाज़ों, क्रूज़ मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल समेत अलग-अलग तरह के हवाई ख़तरों को रोकने के लिए बनाया गया है।
यह अपने आधुनिक रडार के लिए जाना जाता है, जिसमें एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करने और उनको नष्ट करने की क्षमता है।
नेटो के अनुसार, यह डिफ़ेंस मिसाइल सिस्टम 150 किलोमीटर से अधिक दूरी पर अपने टारगेट को पूरी महारत के साथ तलाश करके निशाना बनाने की क्षमता रखता है।
इस रक्षा प्रणाली को पहली बार अमेरिकी सेना में अस्सी के दशक में शामिल किया गया था। तब से इसमें लगातार सुधार किया जा रहा है।
इस मिसाइल सिस्टम ने 1990 के दशक की शुरुआत में इराक-कुवैत जंग में अच्छा प्रदर्शन करते हुए सैन्य विशेषज्ञों का ध्यान खींचा था।
रेथियॉन की वेबसाइट के अनुसार, पेट्रियट मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम में रडार, कमांड ऐंड कंट्रोल टेक्नोलॉजी और कई तरह के इंटरसेप्टर्स शामिल हैं।
यह टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज़ मिसाइल, ड्रोन्स, आधुनिक विमानों और दूसरे ख़तरों का पता लगाने, उनकी पहचान करने और उन्हें नष्ट करने की क्षमता रखता है।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, जनवरी 2015 से अब तक पेट्रियट मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम ने दुनिया भर में युद्ध की कार्रवाइयों में डेढ़ सौ से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में नष्ट किया है।
अमेरिका समेत दुनिया के 19 देश के पास यह डिफ़ेंस सिस्टम मौजूद है।
قوات #الدفاع_الجوي.. عينٌ لا تنام، مهمتها سلامة ضيوف الرحمن.#يسر_وطمأنينة pic.twitter.com/bJhtWi0eFW
— وزارة الدفاع (@modgovksa) June 4, 2025
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