बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में कल एक भीषण भगदड़ हुई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई. ये हादसा उस समय हुआ जब लाखों लोग अपनी पसंदीदा टीम, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए इकट्ठा हुए थे.
दुखद बात यह है कि RCB की टीम ने ट्रॉफी उठाई और वहां से चली गई, जबकि मृतकों के परिजन अभी भी अपने प्रियजनों के शवों के साथ खड़े हैं. स्टेडियम के अंदर RCB की टीम, टीम का स्टाफ और सरकार के मंत्री जश्न मना रहे थे, जबकि बाहर लोग दम घुट रहे थे.
इस त्रासदी के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. मृतकों के परिजनों का कहना है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया था. स्टेडियम के बाहर बिखरी चप्पलें पूछ रही हैं कि इन लोगों के लिए कोई व्यवस्था क्यों नहीं थी?
वायरल हो रहे वीडियो में लोगों के आंसू चीख-चीख कर सवाल पूछ रहे हैं. एक पिता ने अपना जवान बेटा खो दिया, एक बच्ची की मां के पास अब सिर्फ उसकी यादें बची हैं. इन लोगों को बचाने की जिम्मेदारी किसकी थी?
जाहिर सी बात है, सरकार और सिस्टम की. लेकिन उंगली खुद सरकार पर उठ रही है, क्योंकि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नेता और मंत्री उस वक्त फोटो खिंचवाने में लगे थे, जब बेंगलुरु की सड़कों पर लोगों का दम घुट रहा था. ऐसा लगता है कि सड़क पर आम लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया था.
भगदड़ में छोटे-छोटे बच्चों की मौत हो गई. 13 साल की दिव्यांशी, 20 साल के श्रवण और 17 साल के शिवलिंग जैसे युवाओं ने अपनी जान गंवा दी. घायल हुए बच्चों के माता-पिता पर क्या गुजर रही होगी, यह सोचकर भी दिल दहल जाता है.
इन मासूमों की गलती केवल इतनी थी कि वे आम लोग थे. अगर वे VIP के बच्चे होते, तो वे सड़क पर नहीं होते, वे तो विधानसभा में RCB के प्लेयर्स के बीच होते.
जब विधानसभा में प्लेयर्स के लिए इवेंट रखा गया था, तब मंत्री जी के सुपुत्र VIP वाले कतार में थे. कर्नाटक सरकार में मंत्री जमीर अहमद खान अपने बेटे के साथ पहुंचे थे. मंत्री जी के बेटे जैद खान प्लेयर्स के साथ बैठे हुए दिखाई दिए, जबकि बाहर आम लोग और उनके बच्चे भीड़ के बीच पिस रहे थे.
इस घटना ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की सेलेक्टिव नीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. दिसंबर में हैदराबाद के संध्या थियेटर के बाहर अल्लू अर्जुन की फिल्म प्रीमियर के वक्त एक महिला की भगदड़ में मौत हो गई थी, जिसके बाद तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया था, क्योंकि वो उस वक्त वहां मौजूद थे.
RCB ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए फैंस को स्टेडियम बुलाया था. ऐसे में RCB की टीम और मैनेजमेंट पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
घटना के 24 घंटे बाद बेंगलुरु पुलिस ने RCB, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ मामला दर्ज किया है. लेकिन सवाल तो पुलिस और सरकार से पूछा जाना चाहिए कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समय रहते कदम क्यों नहीं उठाया गया. खिलाड़ियों के साथ सेल्फी खिंचवाने की जगह क्राउड मैनेजमेंट पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया? अगर ये किया गया होता, तो शायद 11 लोगों की जान बच जाती.
#DNAWithRahulSinha | भगदड़ वाले एक्शन पर डबल स्टैंडर्ड क्यों? बेंगलुरु में विराट फैंस की मौत पर गवाही #DNA #Bengaluru #RCB #ChinnaswamyStampede @RahulSinhaTV pic.twitter.com/bRzJwfum23
— Zee News (@ZeeNews) June 5, 2025
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