जस्टिस यशवंत वर्मा: नकदी जलने के मामले में FIR के लिए CJI से मंजूरी मांगी गई
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बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन (बीएलए) ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) भूषण गवई को पत्र लिखकर जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी मांगी है। जस्टिस वर्मा के आवास से कथित तौर पर अनाधिकृत करेंसी नोटों का ढेर मिला था।

जस्टिस यशवंत वर्मा वर्तमान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हैं, लेकिन उन पर किसी भी प्रकार का अदालती कामकाज करने पर रोक लगी हुई है।

बीएलए के अध्यक्ष अहमद आब्दी ने सीजेआई गवई को भेजे पत्र में के. वीरास्वामी बनाम भारत सरकार मामले का हवाला दिया है। उन्होंने लिखा है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, जस्टिस यशवंत वर्मा पर केस दर्ज करने के लिए सीजेआई की मंजूरी आवश्यक है।

बीएलए ने सीजेआई को लिखे पत्र में कहा है कि जस्टिस वर्मा के आवास पर कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी मिली। इस मामले में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की अनुमति दी जाए।

पत्र में यह भी लिखा गया है कि के. वीरास्वामी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी लोकसेवक हैं और आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके खिलाफ भी मुकदमा चलाया जा सकता है।

यह ध्यान देने योग्य है कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करने की मंजूरी मांगने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

जस्टिस यशवंत वर्मा पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में थे।

14 मार्च, 2025 की रात को उनके दिल्ली स्थित सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लग गई थी। आग बुझाने के लिए दिल्ली फायर सर्विस और पुलिस के कर्मचारी पहुंचे। आग बुझाने के बाद, उन्होंने बड़ी मात्रा में जला हुआ कैश देखा।

इसकी जानकारी पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को दी। दिल्ली पुलिस आयुक्त ने जले हुए कैश का वीडियो दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय को भेजा। उन्होंने तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना को भी सूचित किया।

इसके बाद, जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कैश जलने के मामले की जांच तीन जजों की कमेटी से कराई गई।

जस्टिस यशवंत वर्मा ने इसे खुद के खिलाफ साजिश बताया है। उनका कहना है कि आग बुझाने के बाद मौके पर उनकी बेटी और स्टाफ को कोई कैश नहीं दिखा। हालांकि, घटना के कुछ दिनों बाद जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास के पास से मीडिया को भी जले कैश के टुकड़े मिले थे।

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