परमाणु हथियारों का जखीरा लेकर निकला रूस, यूक्रेन के साथ जर्मनी भी निशाने पर?
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अब विश्व युद्ध में तब्दील होता दिखाई दे रहा है। शांति की कोशिशों के बीच दोनों देश एक दूसरे पर बड़ी साजिश रच रहे हैं।

खबरों के अनुसार, रूस ने 50 हजार सैनिक कीव पर जमीनी हमले के लिए तैनात किए हैं। जवाब में, यूक्रेन ने रूस पर ड्रोन से हमला किया, जिससे रूस को गहरा आघात पहुंचा है।

दावा किया जा रहा है कि रूस के दो एयरबेस और मॉस्को स्थित एक परमाणु स्टेशन पर ड्रोन हमले हुए हैं। राष्ट्रपति पुतिन ड्रोन हमले का करारा जवाब देने के मूड में हैं।

खबरों के अनुसार, रूस ने फाइटर परमाणु स्टेशन को हाई अलर्ट पर रखा है। मिसाइलों और ट्रकों पर परमाणु बम ले जाने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसके कैप्शन में लिखा है कि यह कोई अभ्यास नहीं है।

ब्रिटिश एक्टिविस्ट जिम फार्ग्यूसन ने रूस की एंटी मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव करने की बात कही है। सैटेलाइट डेटा से वारहेड मार्गों पर असामान्य सैन्य गतिविधि के संकेत मिले हैं। फार्ग्यूसन के अनुसार, ऐसी गतिविधियां क्यूबा मिसाइल संकट के बाद कभी नहीं देखी गईं।

उनका मानना है कि यह सिर्फ परमाणु धमकी तक सीमित नहीं है, बल्कि नाटो-गठबंधन वाले यूक्रेन और रूस के बीच परमाणु युद्ध के संकेत हैं।

पिछले दो सालों से रूस युद्ध और आर्थिक प्रतिबंधों से जूझ रहा है। दुनिया का कोई भी देश स्पष्ट तौर पर रूस के साथ नहीं खड़ा दिख रहा, सिवाय उत्तर कोरिया के।

यूक्रेन जर्मन टॉरस मिसाइल से रूस में तबाही मचा रहा है। रूस ने जर्मनी को चेतावनी दी है कि अगर वह मिसाइल की सप्लाई तत्काल प्रभाव से नहीं रोकता है, तो इसे सीधे युद्ध माना जाएगा।

अमेरिका सहित अधिकतर यूरोपीय देश रूस के खिलाफ हैं, जिससे पुतिन आर या पार का युद्ध चाहते हैं।

जर्मनी और अमेरिका के खिलाफ होने के साथ-साथ, ब्रिटेन भी रूस को उकसाने वाले काम कर रहा है। उसने अब अमेरिकी लड़ाकू विमानों को परमाणु हथियारों से लैस करने की योजना बनाई है।

यह कदम बढ़ते खतरे को देखते हुए उठाया गया है और इसे ब्रिटेन की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता में सबसे बड़ा विस्तार माना जा रहा है। ब्रिटेन परमाणु हथियार दागने में सक्षम अमेरिकी लड़ाकू विमानों को खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। सरकार इस कदम को दुनिया के खतरनाक परमाणु युग में प्रवेश करने की मान्यता के रूप में आगे बढ़ा रही है।

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