यूक्रेन का पर्ल हार्बर जैसा हमला! 84 साल बाद फिर क्यों हो रही चर्चा?
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रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी युद्ध में रविवार को एक नया मोड़ आया। ड्रोन हमले में रूस के बॉम्बर जेट्स पूरी तरह से तबाह हो गए। यूक्रेन का दावा है कि उसने दुश्मन के घर में घुसकर उसके 40 बॉम्बर्स को नष्ट कर दिया है।

रविवार को हुए हमले में कथित तौर पर रूस को दो अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। इस हमले के बाद यूक्रेन की मिलिट्री इंटेलिजेंस की सराहना हो रही है। वहीं रूस के एक न्यूज़ चैनल ने इसे पर्ल हार्बर बताया है।

7 दिसंबर 1941 को हुआ पर्ल हार्बर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान की एक महत्वपूर्ण घटना थी। जापान ने स्थानीय समयानुसार सुबह 7 बजकर 48 मिनट पर अचानक हवाई हमला किया। हवाई के ओआहू द्वीप पर अमेरिकी नेवी बेस पर्ल हार्बर को इस हमले में निशाना बनाया गया था।

हमले में इंपीरियल जापानी नेवी के 177 एयरक्राफ्ट ने बेस पर हमला बोला था। उनका मकसद अमेरिकी नौसेना की पैसिफिक फ्लीट को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना था ताकि साउथ ईस्ट एशिया में ब्रिटिश, डच और अमेरिकी क्षेत्रों के खिलाफ होने वाले जापानी अभियानों को रोका न जा सके।

पहले हमले में हैंगरों पर बम बरसाए गए और पार्क किए गए एयरक्राफ्ट को निशाना बनाया गया। उसी समय हार्बर पर मौजूद यूएस वॉरशिप्स पर टॉरपीडो दागे गए। हमले के पहले पांच मिनट में चार युद्धपोतों को निशाना बनाया गया, जिनमें यूएसएस ओक्लाहोमा और यूएसएस एरिजोना शामिल थे।

कुछ ही मिनटों बाद, एरिजोना में एक बम, बारूद के स्टोर पर गिर गया, जिससे जहाज डूब गया और क्रू के 1,177 लोगों की मौत हो गई।

यह हमले यही नहीं रुके। एक घंटे बाद 163 जापान के एयरक्राफ्ट का दूसरा जत्था आया। दो घंटे के अंदर 21 अमेरिकी युद्धपोत डूब गए या क्षतिग्रस्त हो गए, 188 एयरक्राफ्ट तबाह हो गए और 2,403 अमेरिकी सैनिक और महिलाओं की मौत हो गई।

पैसेफिक फ्लीट के सभी तीनों एयरक्राफ्ट कैरियर्स हमले के दौरान पर्ल हार्बर में नहीं थे और इसलिए बच गए। लेक्सिंगटन, एंटरप्राइज और साराटोगा रिपेयरिंग के लिए गए थे या किसी मिशन पर थे।

यूक्रेन ने रविवार को 40 से ज्यादा जेट्स नष्ट करने का दावा किया है। रूस ने भी माना है कि यूक्रेन के हमले में उसके कई जेट्स नष्ट हुए हैं।

यूक्रेन के सूत्रों के अनुसार, हमले को अंजाम देने में एक साल से ज्यादा का समय लगा और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने खुद इस पूरे मिशन की निगरानी की थी।

ड्रोन को ट्रकों की मदद से रूस में कंटेनर्स में ले जाया गया था। ड्रोन ने यूक्रेन से 4,000 किलोमीटर से ज्यादा दूर रूस के इरकुत्स्क क्षेत्र में बेलाया एयर बेस सहित हवाई क्षेत्रों को निशाना बनाया।

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