मेरे पास समय नहीं है, भारत आकर बात करूंगा... PM मोदी की तारीफ से चिढ़े कांग्रेसियों को थरूर का करारा जवाब
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर अपनी ही पार्टी के भीतर विवादों में घिर गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के लिए मोदी सरकार की तारीफ करने पर कांग्रेस पार्टी में उनके खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है।

लोकसभा सदस्य शशि थरूर भारतीय डेलिगेशन के साथ ब्राज़ील, पनामा समेत कई देशों के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की तरफ से की गई सैन्य कार्रवाई को सटीक और सोच-समझकर की गई बताया।

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि सरकार ने इस विदेशी दौरे में पार्टी को नज़रअंदाज़ किया और बिना उनकी सलाह के थरूर को डेलिगेशन का हिस्सा बनाया। कांग्रेस ने आनंद शर्मा और गौरव गोगोई जैसे नेताओं के नाम सुझाए थे, लेकिन सरकार ने थरूर को चुना।

ब्राज़ील में जब उनसे उनकी पार्टी की आलोचना के बारे में पूछा गया तो थरूर ने कहा, अभी हमारा ध्यान अपने मिशन पर है। लोकतंत्र में आलोचनाएं होती रहती हैं, लेकिन इस वक्त हम इन बातों पर समय नहीं गंवा सकते। भारत लौटने के बाद हम इन मुद्दों पर बात करेंगे, लेकिन फिलहाल हम जिन देशों में गए हैं, वहां भारत का मैसेज पहुंचाना हमारा टारेगट है।

चार बार के सांसद थरूर की बार-बार की गई तारीफों से यह साफ है कि कांग्रेस के भीतर मतभेद और गहराते जा रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के सटीक और सोची-समझी कार्रवाई की बार-बार तारीफ की है, खासकर तब जब कांग्रेस नेतृत्व खुद को हाशिए पर महसूस कर रहा था।

न्यूयॉर्क में भारतीय-अमेरिकी समुदाय से बात करते हुए थरूर ने कहा, जैसा कि आप जानते हैं, मैं सरकार के लिए काम नहीं करता। मैं एक विपक्षी पार्टी के लिए काम करता हूं। लेकिन मैंने खुद कुछ दिनों के भीतर भारत के प्रमुख अखबारों में से एक इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख लिखा, जिसमें कहा गया कि अब समय आ गया है कि जोरदार हमला किया जाए, लेकिन समझदारी से। और मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने बिल्कुल यही किया।

पनामा में थरूर ने आतंकवाद पर पलटवार करने के लिए भारत की तैयारी को रेखांकित किया। हाल के वर्षों में जो बदलाव आया है वह यह है कि आतंकवादियों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी। इस पर, कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने भारत की पिछली कार्रवाइयों की ओर इशारा करते हुए कहा, हमने नौ जगहों पर आतंकी ठिकानों, ट्रेनिंग सेंटर्स, आतंकी मुख्यालयों पर हमला किया है।

थरूर की हालियों टिप्पणियों से कांग्रेस के कई नेताओं में नाराजगी बढ़ गई है। सीनियर नेता जयराम रमेश ने बिना किसी परामर्श के डेलिगेशन में थरूर और अन्य को शामिल करने के सरकार के फैसले को अफसोसजनक और सस्ते राजनीतिक खेल का संकेत बताया।

रमेश ने कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्री और भाजपा के दयनीय स्तर तक नहीं गिरेगी। उन्होंने यह साफ किया कि थरूर के विचार कांग्रेस की लाइन का प्रतिनिधित्व नहीं करते।

पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी थरूर की किताब द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर का एक आलोचनात्मक अंश सोशल मीडिया पर साझा करते हुए मजाक उड़ाया था।

तिरुवनंतपुरम के सांसद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, पनामा में एक लंबे और सफल दिन के बाद, मुझे आधी रात को यहां आकर बोगोटा, कोलंबिया के लिए छह घंटे की उड़ान भरनी है, इसलिए मेरे पास इसके लिए वास्तव में समय नहीं है। आलोचकों और ट्रोल्स को मेरे विचारों और शब्दों को अपनी इच्छानुसार विकृत करने का स्वागत है। मेरे पास वास्तव में करने के लिए बेहतर काम हैं।

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