कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबिया दौरे पर है, जहां उन्होंने पाकिस्तान में हवाई हमले में मारे गए लोगों को लेकर कोलंबिया द्वारा दिए गए बयान को वापस लेने को भारत की कूटनीतिक जीत बताया है. प्रतिनिधिमंडल चरमपंथ और पाकिस्तान में हमले को लेकर भारत का पक्ष रखने के लिए अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देशों के दौरे पर है.
शुक्रवार को कोलंबिया में, प्रतिनिधिमंडल ने देश की उप विदेश मंत्री और अन्य प्रतिनिधियों से मुलाकात की. थरूर ने कहा कि उपमंत्री ने बताया कि उन्होंने वह वक्तव्य वापस ले लिया है, जिस पर भारत ने चिंता व्यक्त की थी और वे इस मामले पर भारत की स्थिति को पूरी तरह समझते हैं.
दरअसल, कोलंबिया के विदेश मंत्रालय ने 8 मई को एक बयान जारी कर पाकिस्तान में भारत के हवाई हमले की निंदा की थी और इसमें मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जाहिर की थी. भारत ने पाकिस्तान को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए चरमपंथी हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था, जिसमें एक स्थानीय पोर्टर समेत 26 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद भारत ने सात मई को पाकिस्तान के अंदर कई ठिकानों पर हवाई हमले किए थे.
थरूर ने कहा कि वे कोलंबियाई सरकार की उस प्रतिक्रिया से थोड़े निराश थे, जिसमें आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति जताने की बजाय भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की गई थी. उन्होंने कहा कि शायद जब वह बयान दिया गया था, तब स्थिति को पूरी तरह से नहीं समझा गया था.
कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोज़ा योलांडा विलाविसेंसियो की मौजूदगी में थरूर ने बयान वापस लिए जाने पर संतोष जाहिर किया. रोज़ा योलांडा ने कहा कि उन्हें यकीन है कि आज जो स्पष्टीकरण मिला है और कश्मीर में जो कुछ हुआ, उसके संबंध में जो विस्तृत जानकारी उनके पास है, उसके आधार पर वे बातचीत जारी रख सकते हैं.
थरूर ने कहा कि आतंकवादियों और निर्दोष नागरिकों के बीच कोई समानता संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कोलंबिया के पिछले बयान से उनकी एकमात्र निराशा यह थी कि ऐसा लगता है कि इसमें इस अंतर को नजरअंदाज किया गया है. उन्होंने खुशी जताई कि कोलंबिया संप्रभुता और भारतीय उपमहाद्वीप में शांति के लिए भारत के साथ खड़ा होने के लिए दृढ़ है.
इस दौरे में थरूर ने सिंधु जल समझौते के तब तक निलंबित रहने की बात कही, जब तक आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की ओर से संतोषजनक संकेत नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौता वह संधि थी जिसे भारत ने 1960 के दशक की शुरुआत में सद्भावना और सौहार्द की भावना से पाकिस्तान के साथ किया था, लेकिन पिछले चार दशकों में आतंकवादी कार्रवाइयों ने उस सद्भावना को बार-बार धोखा दिया है.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद और युद्ध के बावजूद ये संधि कायम रही है, लेकिन इस बार भारत सरकार ने संधि को स्थगित कर दिया है. यह समझौता तब तक निलंबित रहेगा जब तक पाकिस्तान से संतोषजनक संकेत नहीं मिल जाता कि वे उस सद्भावना की भावना के साथ काम करने के लिए तैयार हैं, जिसका प्रावधान संधि की प्रस्तावना में किया गया है.
उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के लिए एक उदार पड़ोसी रहा है और उसने बहुत उदारता से वह पानी दिया है, जिसका वह संधि के तहत हकदार है.
जानकारों का मानना है कि कोलंबिया के पाकिस्तान का पक्ष लेने वाले पूर्व बयान के पीछे चीन का फैक्टर हो सकता है. कोलंबिया ने हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) में शामिल होने पर हस्ताक्षर किए हैं. बीआरआई में पाकिस्तान भी शामिल है और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चीन ने भारी निवेश कर रखा है.
*#WATCH | Bogotá | The Vice Minister very graciously mentioned that they have withdrawn the statement that we had expressed concern about and that they fully understand our position on the matter, which is something we really value, says Congress MP Shashi Tharoor on Colombia… https://t.co/swIt0Vfg48 pic.twitter.com/yRfmciTep2
— ANI (@ANI) May 30, 2025
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