राजस्थान में इस साल मानसून में होगी जबरदस्त बारिश!
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इस साल जून से सितंबर तक आने वाले मानसून सीजन के दौरान भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह पूर्वानुमान जारी किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष पूरे भारत में दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है, यानी सामान्य से 6 प्रतिशत ज़्यादा बारिश हो सकती है। मानसून के पहले महीने जून में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है।

हालांकि, दक्षिणी भारत के कुछ क्षेत्रों और उत्तर-पश्चिम व पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है।

रिपोर्ट की खास बात ये है कि मध्य और दक्षिण भारत में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है, जो कृषि उत्पादकता के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद है।

भारत के अधिकांश वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों को कवर करनेवाले मानसून के कोर ज़ोन में भी सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है। यह खरीफ फसलों की खेती के लिए अच्छा माना जा रहा है।

पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे प्रमुख कृषि क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। लेकिन पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है, जिससे क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र और कृषि के लिए कुछ चिंताएं पैदा हो सकती हैं। अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है, जबकि कुछ पूर्वोत्तर और पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग सामान्य वर्षा हो सकती है।

राजस्थान के लिए मौसम विभाग का अनुमान है कि पश्चिमी राजस्थान के हिस्सों में 115% बारिश हो सकती है, यानी सामान्य से 15 प्रतिशत ज़्यादा बारिश होने का अनुमान है। पूर्वी राजस्थान में 110% बारिश का अनुमान व्यक्त किया गया है, यानी पूर्वी राजस्थान के क्षेत्रों में औसत से 10 प्रतिशत ज़्यादा बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान से तापमान के बारे में भी एक संकेत मिलता है। देश के अधिकांश भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की उम्मीद है, लेकिन उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कई भागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। मध्य भारत और उससे सटे दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है, जहां सामान्य से कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया जा सकता है।

अच्छी बात यह है कि उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के अधिकांश हिस्सों में हीटवेव वाले दिनों की संख्या सामान्य से कम रहने की संभावना है।

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