वह आदमी जो नेहरू था, अब मुट्ठीभर राख...
News Image

भारत आज अपने पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि दे रहा है। 27 मई, 1964 को उनका निधन हुआ था।

लेखक कुलदीप नैयर ने अपनी किताब में लिखा है कि नेहरू 27 मई 1964 की रात को अपने स्नान-गृह में चल बसे। डॉक्टर के. एल. विग ने निर्देश दिए थे कि उन्हें अकेला न छोड़ा जाए, लेकिन उस समय उनके पास कोई नहीं था। नैयर के अनुसार, गिरने के बाद वे एक घंटे से अधिक समय तक वहीं पड़े रहे, जो सरासर लापरवाही थी।

नेहरू के निधन की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई, और पूरा देश स्तब्ध रह गया।

कुलदीप नैयर ने लिखा है कि अंतिम संस्कार के लिए काशी के पंडितों को दिल्ली लाया गया। पार्थिव शरीर पर छिड़कने के लिए गंगाजल मंगवाया गया और चिता को चंदन की लकड़ी से सजाया गया। सबसे कम उम्र के संबंधी, संजय गांधी ने चिता को अग्नि दी।

नैयर के अनुसार, यह सब नेहरू की सोच से मेल नहीं खाता था। उन्होंने 21 जून 1954 को बनाई गई अपनी वसीयत में किसी भी धार्मिक रस्म से इनकार किया था।

नेहरू की शवयात्रा में लाखों लोग शामिल हुए थे। यमुना तट की ओर उमड़ते इस विशाल जनसमूह में हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई, सभी शामिल थे।

नेहरू के अंतिम संस्कार के लिए जो जगह चुनी गई थी, वह राजघाट से 300 मीटर दूर थी, जहां 16 वर्ष पहले महात्मा गांधी का अंतिम संस्कार हुआ था। चिता को अग्नि दी गई तो शवयात्रा में शामिल हजारों-लाखों लोगों की रुलाई छूट गई।

नेहरू ने 10 साल पहले अपनी वसीयत में लिखा था कि उनकी अस्थियों का बड़ा हिस्सा खेतों में बिखेर दिया जाए और बचा हिस्सा इलाहाबाद में गंगा में प्रवाहित कर दिया जाए। वे चाहते थे कि उनकी अस्थियों को हवाई जहाज से ऊपर ले जाया जाए और उन खेतों में बिखेरा जाए जहां भारत के किसान मेहनत करते हैं, ताकि वे भारत की धूल और मिट्टी में मिल जाएं।

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

रिश्वत लेते पकड़ा गया पटवारी, 500 के नोट चबाकर निगले; CT स्कैन से खुला चौंकाने वाला सच!

Story 1

मुंगेर में प्रोफेसर की शर्मनाक हरकत: छात्र से खैनी बनवाकर खाई, वीडियो वायरल!

Story 1

हरियाणा CM नायब सिंह सैनी की रविंद्र भाटी ने की जमकर प्रशंसा, राजपूत समाज के लिए बताया मसीहा

Story 1

बेसिक शिक्षा मंत्री की हिंदी पढ़ने में लड़खड़ाई ज़ुबान, वायरल हुआ वीडियो

Story 1

ओवैसी का सऊदी अरब में धमाका: 24 करोड़ भारतीय मुसलमानों पर पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा बेनकाब

Story 1

मेरे भी पोते-पोतियां हैं... गाजा की तबाही पर संयुक्त राष्ट्र में फफक-फफक कर रो पड़े फिलिस्तीनी राजदूत

Story 1

महाराष्ट्र: अबू आजमी का बड़ा बयान, 2-4 MLA बनाने से बेहतर होगा 4-5 IAS...

Story 1

मनमोहन सिंह ने चुप रहकर कीं 6 बार पाकिस्तान पर स्ट्राइक, कांग्रेस ने दिखाए सबूत!

Story 1

कोर्ट में केमिस्ट्री प्रोफेसर की दलीलें सुनकर जज भी रह गए दंग!

Story 1

मैदान बना अखाड़ा! बांग्लादेशी और अफ्रीकी खिलाड़ियों में चले लात-घूंसे, VIDEO वायरल