उत्तर प्रदेश की नौकरशाही से जुड़ी एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जो राज्य के शासन-प्रशासन की गंभीरता पर सवाल खड़े करती है।
प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा बुलाई गई एक महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में छह जिलों के अधिकारी अनुपस्थित रहे। यह बैठक टेक होम राशन योजना की समीक्षा के लिए थी, जो गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण से जुड़ी है।
अधिकारियों की यह गैर-हाजिरी राज्य की नौकरशाही में अनुशासन और जवाबदेही की कमी को दर्शाती है।
22 मई, 2025 को आयोजित इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गाजियाबाद, जौनपुर, बदायूं, रायबरेली और कुशीनगर जैसे जिलों के अधिकारी नदारद थे।
यह घटना और भी गंभीर हो जाती है क्योंकि इसका उद्देश्य टेक होम राशन योजना की समीक्षा करना था - एक ऐसी योजना जो हजारों कुपोषित महिलाओं और बच्चों के जीवन से जुड़ी है। क्या इन जिलों के डीएम इतने गैरजिम्मेदार हैं कि उन्हें प्रदेश की सबसे अहम योजना पर चर्चा में भाग लेना जरूरी नहीं लगा?
मनोज कुमार सिंह, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी और सक्रिय अधिकारियों में से हैं, उनके बुलावे पर भी अफसरों का न आना सीधे-सीधे आदेशों की अवहेलना है।
यह न केवल अफसरशाही की ढीली पकड़ को दर्शाता है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करता है कि क्या कुछ अधिकारी जानबूझकर मुख्य सचिव को कमजोर साबित करना चाहते हैं?
जिन जिलों के अधिकारी अनुपस्थित रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है। प्रशासनिक जिम्मेदारी कोई विकल्प नहीं, बल्कि एक कर्तव्य है। जब अधिकारी लापरवाह होते हैं, तब एक जिम्मेदार मीडिया ही जनता की सच्ची आवाज बनती है।
*NEWS1 इंडिया पर इस वक्त की सबसे बड़ी खबर
— News1India (@News1IndiaTweet) May 22, 2025
UP की नौकरशाही से जुड़ी सबसे बड़ी खबर
प्रदेश के सबसे ताकतवर नौकरशाह को अधिकारी नहीं ले रहे सीरियस
6 जिलों के DM चीफ सेक्रेटरी को नहीं ले रहे सीरियस
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग कर रहे थे चीफ सेक्रेटरी @CMOfficeUP @UPGovt… pic.twitter.com/cQfLJOXacx
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