पापा, आपके अधूरे सपनों को साकार करना है : राजीव गांधी को याद कर भावुक हुए राहुल
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दिल्ली की वीर भूमि पर बुधवार सुबह सन्नाटा पसरा हुआ था। गुलाब की पंखुड़ियों के बीच, एक बेटे की आंखें नम थीं, जिनमें एक वादा झलक रहा था - पापा, आपके अधूरे सपनों को साकार करना है।

राहुल गांधी ने 21 मई 2025 को अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि पर यह बात कही। राष्ट्र उन्हें आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में याद कर रहा था, तो राहुल गांधी के शब्द गहरे निजी थे।

राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं। आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है - और मैं इन्हें पूरा करके रहूंगा। राजीव गांधी ने डिजिटल भारत की नींव रखी थी, और राहुल गांधी ने भी अपने राजनीतिक जीवन को एक व्यक्तिगत मिशन बना लिया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजीव गांधी को भारत का महान सपूत कहा। उनका साहसिक हस्तक्षेप भारत को 21वीं सदी के लिए तैयार करने में निर्णायक रहा। खड़गे ने मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 वर्ष करने, पंचायती राज को सशक्त बनाने, भारत में आईटी और टेलीकॉम क्रांति की नींव रखने, कम्प्यूटरीकरण को आगे बढ़ाने, नई समावेशी शिक्षा नीति लाने और सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत जैसे राजीव गांधी के दूरदृष्टि वाले कार्यों को रेखांकित किया।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राजीव गांधी को दूरदर्शी नेता बताया और कहा कि उनके आधुनिक सोच और निर्णयों से भारत नई ऊंचाइयों तक पहुंचा। कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राजीव गांधी को गुरु बताते हुए कहा कि उन्होंने डिजिटल इंडिया की नींव रखी और कई युवाओं को सशक्त किया।

राजीव गांधी को आधुनिक भारत के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और युवा सशक्तिकरण पर केंद्रित उनका दृष्टिकोण भारत को 21वीं सदी में प्रवेश करने का रास्ता दिखाया।

40 वर्ष की उम्र में देश की कमान संभालने वाले राजीव गांधी भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। 1984 से 1989 तक उनका कार्यकाल परिवर्तनकारी था। 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी सभा में LTTE के आत्मघाती हमले में उनकी हत्या हुई, और उनके कई सपने अधूरे रह गए, जिन्हें अब राहुल गांधी पूरा करने का संकल्प ले रहे हैं।

राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर राहुल गांधी की भावनाओं में व्यक्तिगत दुःख और राजनैतिक पोजिशनिंग के साथ-साथ एक ऐतिहासिक उत्तराधिकार को निभाने की प्रतिबद्धता भी थी। एक बेटे का वादा, एक नेता की विरासत और एक राष्ट्र की स्मृति - 21 मई सिर्फ एक पुण्यतिथि नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन गई।

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