आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया को बताने के लिए भारत सरकार सर्वदलीय शिष्टमंडल भेजने जा रही है। इन शिष्टमंडलों में सभी दलों के सांसद शामिल होंगे, जिन्हें बड़े देशों और भारत के सहयोगी मुल्कों में भेजा जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस सर्वदलीय शिष्टमंडल के लिए अपने भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी को चुना है। पहले सरकार की ओर से टीएमसी से यूसुफ पठान का नाम दिया गया था।
यूसुफ पठान का नाम सामने आने पर ममता बनर्जी ने कहा कि शिष्टमंडल में टीएमसी से कौन जाएगा, इसका चुनाव वह खुद करेंगी। अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर सीट से लोकसभा सांसद हैं।
ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि तृणमूल कांग्रेस पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से निपटने के भारत के रुख को सामने रखने के लिए गठित केंद्र के बहुदलीय राजनयिक मिशन का बहिष्कार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र से औपचारिक अनुरोध प्राप्त होने पर वे अपने प्रतिनिधि भेजेंगी।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रतिनिधिमंडलों में पार्टी के उम्मीदवार का फैसला केंद्र को नहीं करना चाहिए।
ममता बनर्जी का यह बयान उस विवाद के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि तृणमूल सांसद यूसुफ पठान को बहुदलीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया गया था। भाजपा ने इस घटनाक्रम के लिए पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी पर हमला किया था।
उत्तर बंगाल की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर ममता बनर्जी ने कहा, हमसे इस बारे में (प्रतिनिधिमंडल के लिए पार्टी प्रतिनिधि का नाम तय करने) संपर्क नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, आजकल व्यवस्था यह है कि वे मूल पार्टी को सूचित नहीं करते बल्कि संसदीय दल को सूचित करते हैं। लेकिन संसदीय दल संसदीय सत्रों के लिए काम करता है। वे नीतिगत निर्णय नहीं ले सकते।
तृणमूल प्रमुख ने कहा कि केंद्र ने पार्टी पदाधिकारियों से प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में किसी सांसद का नाम तय करने का अनुरोध नहीं किया। अगर अनुरोध हमारे पास आता है, तो निश्चित रूप से हम इस पर विचार कर सकते हैं। हम हमेशा केंद्र सरकार की नीति (विदेश मामलों पर) का समर्थन करते हैं। अगर कुछ खास होगा, तो हम इस पर विचार करेंगे, लेकिन अभी नहीं। फिलहाल, हम केंद्र सरकार के विचारों और उनके द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को किसी पार्टी के प्रतिनिधियों को चुनने का कोई अधिकार नहीं है।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ देश की कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के रुख को सभी के सामने रखने के लिए पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिजनों या ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व करने वाले सशस्त्र बलों के अधिकारियों को विदेश भेजना चाहिए।
नई दिल्ली में तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव ने संवाददाताओं के सामने दोहराया कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय हित, सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने और संप्रभुता की रक्षा के मामलों में सरकार के साथ खड़ी है।
*Smt. @MamataOfficial nominates Shri @abhishekaitc to represent us in the all-party delegation for India’s global stand against terrorism.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) May 20, 2025
His voice will echo India’s commitment to peace, justice, & global cooperation. pic.twitter.com/AA3tmZJW4v
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