क्या भारत ने पाकिस्तान को हमले की जानकारी दी? विदेश मंत्री के बयान पर मचा सियासी घमासान!
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कांग्रेस पार्टी विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक बयान पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांग रही है. यह बयान भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पाकिस्तान को सूचना देने से जुड़ा है.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि एस जयशंकर के बयान के कारण पाकिस्तान और पूरी दुनिया में भारत की हंसी उड़ रही है. उन्होंने सवाल किया कि विदेश मंत्री ने हमले से पहले पाकिस्तान को क्यों बताया? क्या विदेश मंत्री को पाकिस्तान पर इतना भरोसा है कि उनके कहने पर आतंकी चुपचाप बैठेंगे?

पवन खेड़ा ने यह भी आरोप लगाया कि विदेश मंत्री के बयान का इस्तेमाल पाकिस्तान के नेता भारत के खिलाफ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्या इसी वजह से मसूद अज़हर ज़िंदा बच गया और हाफिज सईद ज़िंदा भाग गया? क्या देश को यह जानने का हक नहीं है कि पाकिस्तान को हमले की सूचना देकर मसूद अज़हर को दोबारा बचाया गया?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर से बयान मांगा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई चूक नहीं थी, बल्कि एक अपराध था और देश को सच जानने का अधिकार है. राहुल गांधी ने यह भी पूछा कि इस सूचना के कारण भारत को कितने विमान गंवाने पड़े?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ऑपरेशन की शुरुआत में हमने पाकिस्तान को मैसेज भेजा था, जिसमें कहा था कि हम आतंकी ढांचों पर हमला कर रहे हैं. हम सेना पर हमला नहीं करेंगे. इसलिए सेना के पास एक विकल्प है कि वह इससे अलग रहें और इसमें दखल न दें. उन्होंने इस सलाह को न मानने का फ़ैसला किया.

हालांकि, भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने कहा है कि विदेश मंत्री के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस पर फ़ेक न्यूज़ फैलाने का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी का ट्वीट पूरी तरह से भ्रामक और ख़तरनाक है. उन्होंने कहा कि यह सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश करता है और हमारे सशस्त्र बलों को बदनाम करने के लिए तथ्यों को ग़लत तरीके से पेश करता है.

इस पूरे विवाद पर भारत के पूर्व विदेश सचिव शशांक का कहना है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जो बात कही है कि पाकिस्तान को हमले की सूचना दी गई थी, यह हमले के समय बताया गया होगा. दरअसल यह एक परमाणु शक्ति की तरफ से दूसरी परमाणु शक्ति को जानकारी देना था, और यह ज़रूरी भी था कि हम आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहे हैं, आप इससे अलग रहें.

रक्षा विशेषज्ञ क़मर आगा कहते हैं, इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप चलते रहेंगे. विपक्ष इस समय काफ़ी कमज़ोर है और सरकार उसकी ज़्यादा परवाह भी नहीं करती.

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