जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर घेरने के लिए बनाए गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर सवाल उठाए हैं।
मुफ्ती ने सरकार के प्रयासों को एकतरफा बताते हुए कहा कि सरकार को यह प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और लोकतांत्रिक तरीके से करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने से पहले संसद का एक विशेष सत्र बुलाकर इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा की जानी चाहिए थी। ऐसा करने से यह निर्णय अधिक मजबूत और सर्वमान्य होता, और विपक्ष को इस पर इतनी आपत्ति नहीं होती।
हालांकि, मुफ्ती ने ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की वजह को समझाने के लिए विभिन्न देशों में सांसदों को भेजने को एक स्वागत योग्य और उचित कदम बताया। उन्होंने कहा कि आज की दुनिया में, जहां युद्ध से कोई हल नहीं निकल सकता, कूटनीति ही अंतिम विकल्प है।
17 मई को संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में शामिल सांसदों और अन्य सदस्यों की सूची सोशल मीडिया पर साझा की थी। इसमें बीजेपी, कांग्रेस सहित कई दलों के नेता शामिल हैं। नामों की घोषणा होते ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। कांग्रेस ने सरकार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने कांग्रेस की नीयत पर सवाल उठाए।
कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने शशि थरूर का नाम दिया ही नहीं था, लेकिन बीजेपी द्वारा उनका शामिल किया जाना पार्टी की खेल खेलने वाली मानसिकता को दिखाता है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने थरूर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस में होना और कांग्रेस का होना में जमीन-आसमान का अंतर है।
कांग्रेस का दावा है कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी से चार सांसदों के नाम भेजने के लिए कहा था। जिसके जवाब में कांग्रेस ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वारिंग के नाम भेजे थे। लेकिन बीजेपी ने केवल एक नाम चुना। इस पर भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने उन सदस्यों के नाम दिए जिनके पाकिस्तान के साथ संबंध हैं।
*Sending parliamentarians to various countries to explain the rationale behind Operation Sindoor is a welcome and timely step. In today’s world, where war yields only destruction and is no longer a viable option not even as a last resort diplomacy remains our most effective tool.… pic.twitter.com/PVghgKv9ZJ
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 18, 2025
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