हरियाणा के सोनीपत में प्रोफ़ेसर अली ख़ान महमूदाबाद को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. उन पर दो समुदायों में नफ़रत भड़काने का आरोप है. यह गिरफ़्तारी एक स्थानीय निवासी योगेश की शिकायत पर हुई है.
प्रोफ़ेसर अली ख़ान हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफ़ेसर हैं. उनकी पत्नी ने बताया कि पुलिस रविवार सुबह उनके घर आई और उन्हें ले गई. इससे पहले, हरियाणा राज्य महिला आयोग ने भी उन्हें समन जारी किया था.
मामला 6 और 7 मई की दरमियानी रात को भारतीय सेना की पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कार्रवाई से जुड़ा है. इस कार्रवाई के बाद कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस ब्रीफ़िंग में जानकारी दी थी.
8 मई को प्रोफ़ेसर अली ख़ान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को प्रेस ब्रीफ़िंग में भेजने और भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर लिखा था. उन्होंने युद्ध की मांग करने वालों की भावनाओं और युद्ध के नुक़सान पर भी बात की थी.
हरियाणा राज्य महिला आयोग ने इस पोस्ट का स्वतः संज्ञान लिया और उन्हें 12 मई को समन जारी किया. आयोग ने कहा कि उनके बयान से सशस्त्र बलों में महिलाओं का अपमान और सांप्रदायिक द्वेष को बढ़ावा मिला है.
आयोग ने प्रोफ़ेसर अली ख़ान को 48 घंटे में पेश होने और लिखित जवाब देने को कहा था. उनके वकीलों ने जवाब दिया जिसमें संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात कही गई. वकीलों ने कहा कि वो इतिहास और राजनीति विज्ञान के प्रोफ़ेसर हैं और उन्होंने अपनी शैक्षणिक और पेशेवर विशेषज्ञता का इस्तेमाल करते हुए बयान दिए हैं.
17 मई को सोनीपत के योगेश ने एफआईआर दर्ज कराई. इसी शिकायत के आधार पर पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार किया है. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (1)बी, 197 (1)सी, 152 और 299 के तहत मामला दर्ज किया है.
आठ मई को प्रोफ़ेसर अली ख़ान ने लिखा था कि इतने सारे दक्षिणपंथी टिप्पणीकार कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी की तारीफ़ कर रहे हैं, ये देखकर मैं खुश हूं. लेकिन ये लोग शायद इसी तरह से मॉब लिंचिंग के पीड़ितों, मनमाने ढंग से बुलडोज़र चलाने और बीजेपी के नफ़रत फैलाने के शिकार लोगों को लेकर भी आवाज़ उठा सकते हैं कि इन लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर सुरक्षा दी जाए.
उन्होंने यह भी कहा था कि दो महिला सैनिकों के ज़रिए जानकारी देने का नज़रिया महत्वपूर्ण है लेकिन इसे हक़ीक़त में बदलना चाहिए, नहीं तो यह केवल पाखंड है.
प्रोफ़ेसर अली ख़ान की पत्नी ओनाइज़ा ने बताया कि पुलिस बिना कोई जानकारी दिए उन्हें ले गई. उन्होंने कहा कि वह नौ महीने की गर्भवती हैं और जल्द ही डिलीवरी होने वाली है.
प्रोफ़ेसर अली ख़ान के वकीलों का कहना है कि उन्हें ट्रांज़िट रिमांड पर सोनीपत ले जाया जा रहा है और वहां स्थानीय अदालत में पेश किया जा सकता है.
प्रोफ़ेसर अली ख़ान की गिरफ़्तारी पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है. स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव ने कहा कि यह गिरफ़्तारी चौंकाने वाली है. इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने इसे लोकतंत्र की जननी बताया है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने इसे अवैध बताया है. राजद सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि सच्चा लोकतंत्र वह है जहां आप खुले होने के लिए बंद नहीं हैं.
इससे पहले 1203 लोगों ने एक पत्र जारी कर प्रोफ़ेसर अली ख़ान का समर्थन किया था और हरियाणा राज्य महिला आयोग से समन वापस लेने और माफ़ी मांगने की मांग की थी.
प्रोफ़ेसर अली ख़ान अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के एसोसिएट प्रोफ़ेसर और विभागाध्यक्ष हैं. उन्होंने अमेरिका और इंग्लैंड से पढ़ाई की है और सीरिया, लेबनान, मिस्र और यमन की यात्रा भी की है.
*Ali Khan Mahmudabad, associate professor at private university in Haryana, arrested for his remarks on Operation Sindoor: Police. pic.twitter.com/F2ByxYpxTY
— Press Trust of India (@PTI_News) May 18, 2025
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