सब बकबास है, इन जोकरों को मेरे सामने बैठाइए : ओवैसी का विपक्ष पर करारा प्रहार
News Image

पहलगाम आतंकी हमले के बाद असदुद्दीन ओवैसी के बयानों ने हलचल मचा दी है. उन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की कड़ी निंदा की है और सरकार के सख्त फैसलों का खुलकर समर्थन किया है. लेकिन, बीजेपी की बी-टीम कहे जाने और विपक्षी दलों द्वारा उनकी पार्टी AIMIM पर वोट काटने के आरोपों पर ओवैसी ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया है.

ओवैसी ने एक इंटरव्यू में बीजेपी की बी-टीम होने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, ये सब बकबास है, कभी इन तमाम जोकरों को मेरे सामने बैठाइए, डेटा पर बात करते हैं, क्योंकि ये लोग झूठे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी लगातार चुनाव जीत रही है क्योंकि विपक्ष असफल रहा है और उसने हिंदू वोटों को एकजुट कर लिया है.

ओवैसी ने इस बात को भी नकारा कि वह मोदी विरोधी वोटों में सेंध लगाते हैं. उन्होंने सवाल किया कि अगर वह 2024 के चुनावों में हैदराबाद, औरंगाबाद, किशनगंज और कुछ अन्य सीटों पर लड़ते हैं और बीजेपी को 240 सीटें मिलती हैं, तो क्या वह जिम्मेदार होंगे? उनका कहना है कि बीजेपी सत्ता में इसलिए आ रही है, क्योंकि विपक्ष विफल है और उसने लगभग 50 फीसदी हिंदू वोटों को अपने पक्ष में कर लिया है.

ओवैसी ने कहा कि उन पर आरोप लगाना और उन्हें बीजेपी की बी-टीम कहना विपक्ष की उनकी पार्टी के प्रति नफरत के अलावा और कुछ नहीं है, क्योंकि यह पार्टी मुख्य रूप से मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करती है. उन्होंने विपक्षी दलों पर मुस्लिम वोटों को हल्के में लेने और उनकी वास्तविक चिंताओं पर ध्यान न देने का आरोप लगाया.

ओवैसी ने सवाल उठाया कि जब समाज के हर वर्ग में राजनीतिक नेतृत्व की झलक मिलती है और यह स्वीकार्य है, तो मुसलमानों में राजनीतिक आवाज क्यों बर्दाश्त नहीं की जाती? उन्होंने कहा कि उनका इशारा कांग्रेस, बसपा, सपा और बीजेपी समेत सभी विपक्षी दलों की ओर है.

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यादव नेता बन सकते हैं, मुसलमान भिखारी, ऊंची जाति के लोग नेता बन सकते हैं, मुसलमान भिखारी - यह कैसे ठीक है? उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि भारत के संस्थापकों ने देश को एक सहभागी लोकतंत्र के रूप में देखा था, तो अब मुसलमानों की भागीदारी कहां है?

ओवैसी ने स्पष्ट किया कि जब भारत की अखंडता और सुरक्षा का सवाल होगा, तो वह आगे आएंगे और भारतीय सेना के साथ खड़े होंगे. लेकिन उन्हें अपने घर के अंदर की समस्याओं के बारे में भी बात करनी होगी. उन्होंने बताया कि लगभग 15 फीसदी आबादी के साथ, मुसलमानों की विधानसभाओं और संसद में सिर्फ 4 फीसदी भागीदारी है.

ओवैसी ने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि राजनीतिक दल मुसलमानों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं देते और फिर लोग मुसलमानों को वोट नहीं देते. उन्होंने चेतावनी दी कि भारत, इतने बड़े समुदाय को हाशिए पर और कमज़ोर रखकर 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता.

उन्होंने राजनीतिक दलों से मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में देखना बंद करने और इसके बजाय उन्हें ऊपर उठाने, शिक्षित करने, उनके साथ अच्छा बर्ताव करने और उन्हें नौकरी देने के लिए काम करने का आह्वान किया. ओवैसी ने कहा कि उनकी लड़ाई यह है कि वह वोटर नहीं बने रहना चाहते, वह नागरिक बने रहना चाहते हैं.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए सांसदों और मंत्रियों के जो 7 ग्रुप 33 देशों का दौरा करेंगे, उनमें से एक ग्रुप में ओवैसी भी शामिल हैं. वह बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाले डेलिगेशन के साथ सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया जाएंगे.

*

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

विराट कोहली क्या अब इंग्लैंड में खेलेंगे? मिडलसेक्स काउंटी का चौंकाने वाला ऑफर!

Story 1

ऑपरेशन सिंदूर: सैनिक का बयान - ये गुस्सा नहीं, पीढ़ियां याद रखेंगी

Story 1

नहीं देखा होगा भारतीय नेवी का ये रौद्र रूप!

Story 1

IPL 2025: विदेशी खिलाड़ियों के वापस न लौटने पर श्रेयस अय्यर ने कही बड़ी बात

Story 1

प्रतिनिधिमंडल विवाद: कांग्रेस के कटाक्ष पर शशि थरूर का करारा जवाब

Story 1

ऐसा हाथी पहले कभी नहीं देखा! तंजानिया के जंगलों में मिला विशालकाय

Story 1

संजू सैमसन की वापसी, ये धाकड़ खिलाड़ी प्लेइंग-11 से बाहर!

Story 1

प्याज काटें और आंसू भी न टपके! भाभी के देसी जुगाड़ ने इंटरनेट पर मचाया धमाल

Story 1

पाकिस्तान में ढेर हुआ लश्कर का टॉप आतंकी सैफुल्लाह खालिद, RSS मुख्यालय पर हमले का था मास्टरमाइंड

Story 1

ऑपरेशन सिंदूर पर जहर उगलने वाला प्रोफेसर: दादा पाकिस्तान का पैरोकार, अब्बा रहे कॉन्ग्रेस MLA