मोदी के चरणों में झुकी सेना: देवड़ा के बयान से देश में आक्रोश
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देशभक्ति और राष्ट्र सुरक्षा की बातें करने वाली भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना नरेंद्र मोदी के चरणों में झुक गई है । इस टिप्पणी से देश भर में गुस्सा है।

यह बयान सशस्त्र बलों का घोर अपमान है और उन नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुँचाता है जो सेना को राष्ट्र का गौरव मानते हैं। सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में इस बयान की कड़ी निंदा हो रही है।

क्या राजनीतिक फायदे के लिए देश की सेना को भी घसीटा जाएगा?

राजनीति में बयानबाजी आम है, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के उपमुख्यमंत्री का यह कहना कि भारतीय सेना प्रधानमंत्री मोदी के चरणों में झुक गई है, लोकतंत्र के लिए गंभीर संकट का संकेत है। देवड़ा का यह बयान महज जुबानी फिसलन नहीं, बल्कि सोच की सड़ांध का प्रतीक है।

सेना किसी पार्टी की निजी संपत्ति नहीं है, यह राष्ट्र की रक्षक है। क्या आज की सत्ता इतनी अंधभक्ति में डूबी है कि वह सैनिकों के खून-पसीने से सनी वर्दी को भी वोट बैंक की रणनीति में लपेटना चाहती है? यह बयान लोकतंत्र, सेना और संविधान तीनों का अपमान है।

7 मई 2025 को हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने आतंक के खिलाफ जबर्दस्त कार्रवाई की थी। विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी जैसी वीर महिला अफसरों ने इस ऑपरेशन में सक्रिय भूमिका निभाई। ऐसे समय में, देवड़ा का यह बयान सेना की वीरता को गाली देने जैसा है।

सेना किसी नेता की नहीं, पूरे राष्ट्र की है। उसके बलिदान और वीरता को इस प्रकार झुकाने का प्रयास देशद्रोह जैसा लगता है। क्या मोदी के गुणगान में भाजपा नेता इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्हें सेना तक का सम्मान भूल गया?

देवड़ा के बयान पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी सहित तमाम विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता ने कहा, भाजपा नेता अगर सत्ता में रहकर सेना को चरणों में झुका मानते हैं, तो उन्हें राष्ट्र के प्रति अपनी समझ दोबारा पढ़नी चाहिए।

सेना के रिटायर्ड जनरलों और अधिकारियों ने भी बयान को निंदनीय बताते हुए देवड़ा के इस्तीफे की मांग की है। सोशल मीडिया पर #ArmyInsultedByBJP और #ShameOnDevda जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

आम जनता ने भी अपने गुस्से का इजहार करते हुए लिखा, जिस पार्टी को सेना के बलिदान की कद्र नहीं, वह राष्ट्रवाद का ढोंग करना बंद करे।

यह घटना सत्ता के नशे में चूर नेताओं की मानसिकता को उजागर करती है, जिनके लिए देश की सेना भी महज एक चुनावी औजार बन गई है। यह वही भाजपा है जो हर मंच से राष्ट्रवाद का ढोल पीटती है, लेकिन जब उसके नेता सेना को चरणों में झुकने की बात कहते हैं, तब पार्टी चुप हो जाती है।

देश अब पूछ रहा है, क्या मोदीजी खुद इस शर्मनाक बयान पर चुप रहेंगे? क्या सेना को अपमानित करने वाले इस नेता पर कोई कार्यवाही होगी? अगर नहीं, तो यह माना जाएगा कि भाजपा का राष्ट्रवाद केवल वोट तक सीमित है, सम्मान तक नहीं।

भारतीय सेना के सम्मान की रक्षा अब जनता के हाथ में है, और यह अपमान इतिहास में दर्ज होगा।

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