अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में अपनी भूमिका को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने तनाव कम करने में मदद की, लेकिन मध्यस्थता नहीं की.
एक कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा, मैं यह नहीं कह रहा कि मैंने मध्यस्थता की, लेकिन मैंने उस समस्या को हल कराने में मदद की, जो भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले सप्ताह और भी ज़्यादा खतरनाक हो रही थी.
ऐसे समय में जब तुर्की ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की सैन्य मदद के लिए बेनकाब हो चुका है, अमेरिका उसे मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली अमेरिकी मिसाइल बेच रहा है. अमेरिकी विदेश विभाग ने तुर्की को 225 मिलियन डॉलर की AIM-120C-8 AMRAAM मिसाइल की बिक्री को मंजूरी दे दी है.
ये दुनिया की सबसे लोकप्रिय बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल है, जो सभी मौसमों और रात में भी हमला करने में सक्षम है. विशेषज्ञ इस सौदे को संदेह की नजर से देख रहे हैं, खासकर जब तुर्की युद्ध में भारत के खिलाफ अपने ड्रोन और ऑपरेटर भेज रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ट्रंप के रवैये की देश में तीखी आलोचना हो रही है, खासकर सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश की. भारत के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के दावे को खारिज कर दिया. मंत्रालय ने साफ किया कि संघर्षविराम का समझौता सीधे DGMO स्तर पर हुआ और वो भी पाकिस्तान के अनुरोध पर, क्योंकि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई प्रभावी थी.
परमाणु युद्ध टलने की बात पर भारत ने स्पष्ट कहा कि सिर्फ पारंपरिक सैन्य विकल्प अपनाए गए, परमाणु विकल्प की बात ही नहीं थी. ट्रंप की व्यापार पर धमकी पर MEA ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका से व्यापार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.
कश्मीर पर अमेरिकी मध्यस्थता के ऑफर पर भारत ने दोहराया कि बातचीत सिर्फ द्विपक्षीय होगी और मुद्दा होगा PoK की वापसी. भारत-पाक को एक ही फ्रेम में रखने की बात पर सरकार ने साफ किया कि कोई हाइफनेशन नहीं है. पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत कहां खड़ा है. तटस्थ जगह पर बातचीत की खबरें भी बेबुनियाद हैं.
MEA ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत की नीति स्पष्ट है: सुरक्षा, संप्रभुता और सच्चाई से कोई समझौता नहीं.
एक तरफ ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में अपने दखल का झूठ बेच रहे हैं, दूसरी तरफ तुर्की से हथियारों का सौदा कर रहे हैं. उन्होंने उस आतंकी से भी हाथ मिलाया जिस पर अमेरिका ने करोड़ों का इनाम रखा था.
जानकारों का कहना है कि अमेरिका का यह यू-टर्न भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा कर सकता है. ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा उर्फ अबू मोहम्मद अल जुलानी से मुलाकात की, जिस पर अमेरिका 1 करोड़ का इनाम घोषित कर चुका है. जुलानी को 2006 में अमेरिकी सेना ने गिरफ्तार किया था और वह 5 साल तक हिरासत में रहा था, क्योंकि उसके अलकायदा से रिश्ते थे.
यह घटनाक्रम ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर सामने आया है.
#WATCH | Doha, Qatar | I don t want to say I did, but I sure as hell helped settle the problem between Pakistan and India last week, which was getting more and more hostile, and all of a sudden, you ll start seeing missiles of a different type, and we got it settled. I hope I… pic.twitter.com/M8NlkK7uSu
— ANI (@ANI) May 15, 2025
केदारनाथ जा रहा हेलीकॉप्टर हाईवे पर क्रैश! कार चकनाचूर, देखें LIVE वीडियो
ऑपरेशन सिंदूर पर ममता के नेता का विवादित बयान, पार्टी ने भी किया किनारा
चैन की नींद सो रहा था शख्स, शेरनी आई पास, सूंघा और चली गई!
पत्नी के इशारे पर खान सर! रिसेप्शन का ये वीडियो क्यों हो रहा है वायरल?
कनाडा में मोदी को जी-7 का न्योता: क्यों उठे सवाल, क्या है वजह?
फ्रेंच ओपन 2025: जोकोविच का सपना चकनाचूर, सिनर फाइनल में! अल्कारेज से होगी खिताबी भिड़ंत
वैश्विक मंच पर पाकिस्तान बेनकाब: अमेरिकी सांसद ने आतंकी संगठन JeM के खिलाफ कार्रवाई का किया आह्वान
आश्चर्य! सोते हुए आदमी को शेर ने नहीं किया शिकार, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
बेंगलुरु भगदड़: मुख्यमंत्री ने हटाया राजनीतिक सचिव, RCB रोड शो की दी थी सलाह!
सोनिया गांधी की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती, अब हुईं डिस्चार्ज