पाकिस्तान चाहे जितने झूठे दावे करे, लेकिन दुनिया जानती है कि भारत ने आतंकवादियों को पालने वाले देश को करारा जवाब दिया। भले ही दोनों देशों के बीच सीजफायर हो गया हो, लेकिन उससे पहले भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया, कई एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया। हद तो यह है कि इतना कुछ होने के बाद भी पाकिस्तान जीत का जश्न मना रहा है।
अब अमेरिका के रक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी ने पाकिस्तान के झूठे दावों का पर्दाफाश करते हुए उसे फिर से बेनकाब कर दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत के साथ सैन्य संघर्ष में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने तीखा प्रहार करते हुए यह भी कहा कि सीजफायर के लिए पाकिस्तान एक डरे हुए कुत्ते की तरह दुम दबाकर भाग रहा था।
पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने भारत के ऑपरेशन सिंदूर की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत ने कूटनीतिक और सैन्य दोनों ही मोर्चों पर जीत हासिल की है। कूटनीतिक रूप से भारत की जीत का कारण यह है कि अब सारा ध्यान पाकिस्तान के आतंकवादी प्रायोजन पर है। वर्दीधारी पाकिस्तानी अधिकारियों का आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होना यह दर्शाता है कि आतंकवादी और ISI या पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के सदस्यों के बीच कोई अंतर नहीं है।
रूबीन ने पाकिस्तानी सेना को कैंसर तक बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीजफायर के लिए एक डरे हुए कुत्ते की तरह भाग रहा था, जिसकी दुम पैरों के बीच दबी हुई थी। पाकिस्तानी सेना के पास इस बात को छिपाने का कोई तरीका नहीं है कि क्या हुआ। वे न केवल हारे, बल्कि बहुत बुरी तरह हारे हैं। स्पष्ट रूप से पाकिस्तानी सेना के अंदर समस्या है। यह पाकिस्तानी जनता के लिए कैंसर है क्योंकि एक सेना के रूप में वे अक्षम हैं।
उन्होंने सवाल किया कि क्या असीम मुनीर अपनी नौकरी बरकरार रख पाएंगे? पाकिस्तान को घर को साफ करने की जरूरत है, लेकिन यह एक खुला सवाल है कि क्या वे ऐसा करने के लिए बहुत दूर चले गए हैं?
पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने यह भी कहा कि यह एक ऐसा संघर्ष नहीं था जो भारत चाहता था। यह एक ऐसा संघर्ष था जिसे भारत पर थोपा गया था। हर देश को अपने नागरिकों की रक्षा करने का अधिकार है। आखिरकार यह भारत का काम है कि वह एक सीमा रेखा खींचे और कहे कि हम अपनी सीमा पर आतंकवादी हमलों को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे, इसलिए भारत ने वही किया जो बिल्कुल जरूरी था।
रूबीन ने सीजफायर के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के क्रेडिट लेने पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ट्रंप को हर चीज का श्रेय लेना पसंद है। अगर आप डोनाल्ड ट्रम्प से पूछें, तो वे कहेंगे कि उन्होंने अकेले ही विश्व कप जीता, इंटरनेट का आविष्कार किया, कैंसर का इलाज किया। भारतीयों को इस मामले में अमेरिकियों की तरह होना चाहिए और डोनाल्ड ट्रंप को शाब्दिक रूप से नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब भी पाकिस्तान और भारत के बीच टकराव होता है, तो अमेरिका पर्दे के पीछे से मध्यस्थता करने की कोशिश करता है और यह उचित है।
#WATCH | Washington, DC | On India-Pakistan conflict, former Pentagon official and a senior fellow at the American Enterprise Institute, Michael Rubin, says, India won this both diplomatically and militarily. The reason why India won diplomatically is that all attention is now… pic.twitter.com/D7c2LuMqSI
— ANI (@ANI) May 14, 2025
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