भारत द्वारा पाकिस्तान में किए गए लक्षित हमलों ने न केवल आतंकवादियों को निशाना बनाया, बल्कि पाकिस्तानी सेना और सरकार के आतंकवाद से गठजोड़ का भी पर्दाफाश कर दिया है।
चार दिन पहले, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस वार्ता में आतंकवादियों के अंतिम संस्कार की एक तस्वीर जारी की थी। इसमें ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था।
यह जानना महत्वपूर्ण है कि कैसे पाकिस्तान से आई एक वायरल तस्वीर उसके लिए गले की फांस बन गई है। उस तस्वीर में दिखने वाले चेहरे कौन हैं? उस तस्वीर की पूरी कहानी क्या है? भारत इस फोटो का उपयोग करके पाकिस्तान को कैसे घेरने की योजना बना रहा है?
कैसे एक तस्वीर ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता बताई
इस तस्वीर ने एक साथ पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े चेहरे को बेनकाब कर दिया है। तस्वीर लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके की है, जिसे भारत ने निशाना बनाया था। पाक सेना के अधिकारी आतंकियों के जनाजे में नमाज पढ़ते और शवों को कंधा देते दिखे।
आतंकवादियों के शवों को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया था, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि पाकिस्तान उन्हें राजकीय सम्मान दे रहा है।
विक्रम मिस्री ने इस तस्वीर को साझा करते हुए आतंकवादियों और पाकिस्तान सरकार के जुड़ाव का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि जनाजों को पाकिस्तानी झंडे से लपेटा गया था, यानी उन्हें राजकीय सम्मान दिया जा रहा था। आम नागरिकों की मौत पर आमतौर पर ऐसा नहीं होता।
मुरीदके में आतंकी कैंप क्यों बना निशाना?
लाहौर से 40 किलोमीटर दूर स्थित मुरीदके, लश्कर ए तैयबा और जमात उद दावा का केंद्र है। यहां लश्कर ए तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर है जो 200 एकड़ में फैला है। मुंबई हमलों में लश्कर का हाथ था और 26/11 के हमलावरों की ट्रेनिंग भी मुरीदके में हुई थी। मरकज तैयबा लश्कर का सबसे अहम केंद्र है।
साल 2000 में मरकज तैयबा के निर्माण के लिए ओसामा बिन लादेन ने एक करोड़ रुपये की मदद की थी। यहां मस्जिद और गेस्ट हाउस भी है। अजमल कसाब की ट्रेनिंग भी मरकज तैयबा में हुई थी। डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा ने भी मुरीदके का दौरा किया था। हाफिज सईद और जकी उर रहमान लखवी के घर भी मरकज तैयबा में ही मौजूद हैं।
मुरीदके में किसके जनाजे में जुटे आतंकी-अफसर?
इनके अलावा कारी अब्दुल मलिक के मारे जाने की खबरें भी सामने आई हैं, जो हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) से जुड़ा था।
आतंकियों के जनाजे में कौन शामिल हुआ?
मुरीदके में हुए हमले में पाकिस्तान के आतंकियों से लेकर अफसरों और पुलिसवालों तक की मौजूदगी दर्ज की गई। भारतीय सेना ने इन्हें दर्शाती हुई तस्वीर भी जारी की।
आगे क्या हो सकता है भारत का कदम?
इस घटनाक्रम के बाद भारत ने आतंकवादियों, पाकिस्तानी सेना, सरकार और प्रशासन की मिलीभगत को उजागर किया है। सबसे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने वायरल फोटो के जरिए इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद डीजीएमओ स्तर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी आतंकी और अधिकारियों की पहचान उजागर की गई।
माना जा रहा है कि भारत इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भी उठा सकता है। भारत इन तस्वीरों और सैन्य अधिकारियों की पहचान को यूएनएससी की 1267 कमेटी के सामने पेश करेगा और पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मानकों को तोड़ने की दलील भी पेश की जाएगी।
भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से भी पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर सकता है, जिससे उसकी आर्थिक और वाणिज्यिक गतिविधियां संकट में आ सकती हैं।
*🔴 #BREAKING Hafiz Abdul Rauf, a US-designated global terrorist and a Lashkar e Taiba commander, leads funeral prayers for those killed in India’s strikes pic.twitter.com/YG6W9vuSWp
— Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) May 7, 2025
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