कैसे विराट कोहली बने किंग ?, टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का फैसला आसान नहीं लेकिन सही
News Image

विराट कोहली, पश्चिम दिल्ली के एक लड़के, भारतीय ड्रेसिंग रूम में अपने स्वैग के साथ दाखिल हुए। क्रिकेट के प्रति उनके असीम जुनून ने उन्हें मौजूदा दौर का महानायक बना दिया। उन्होंने ऐसे समय में पारंपरिक क्रिकेट से विदा ली, जब उनके और खेलते रहने की उम्मीद की जा रही थी।

विराट ने स्वीकार किया कि टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का फैसला आसान नहीं था, लेकिन यह सही था। यह विचार उनके जेहन में पहली बार कब कौंधा? शायद ऑस्ट्रेलिया के खराब दौरे के बाद, जहां उन्होंने पर्थ में दूसरी पारी में शतक के बाद सिर्फ 91 रन बनाए।

उन्हें स्विंग और उछाल को झेलने में इतनी परेशानी हुई कि उनकी वापसी संभव नहीं लग रही थी। इसके बावजूद भारतीय क्रिकेट को इंग्लैंड दौरे पर उनकी जरूरत थी, शरीर से ज्यादा दिमाग की। लेकिन शायद वह पांच टेस्ट मैचों की एक और श्रृंखला खेलने के लिए तैयार नहीं थे।

अपने सीनियर खिलाड़ियों के लिए गोल मटोल चीकू से जूनियर खिलाड़ियों के भैया तक, किंग कोहली ने लंबा सफर तय किया है और अपने करियर में काफी उतार-चढ़ाव भी देखे। 2006 में अठारह बरस के कोहली ने अपने पिता प्रेम कोहली के निधन की खबर सुनकर भी 90 रन बनाकर दिल्ली को फॉलोआन से बचाया और फिर फिरोज शाह कोटला स्टेडियम से सीधे श्मशान घाट जाकर उनका अंतिम संस्कार किया।

इसके बाद 2025 में, 36 साल के सुपरस्टार विराट कोहली को रेलवे के मध्यम तेज गेंदबाज हिमांशु सांगवान ने करीब 20000 दर्शकों के सामने रणजी ट्रॉफी मैच में आउट किया। वह आखिरी बार था जब कोहली सफेद जर्सी में चमचमाती एसजी गेंद को खेलते दिखे। बीच के 18 सालों में उन्होंने 30 टेस्ट शतक लगाए और उनके प्रशंसकों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी गति से बढ़ती रही। इंस्टाग्राम पर भारत में उनके सबसे ज्यादा (272 मिलियन) फॉलोअर्स आज भी हैं।

वह एक दिवसीय क्रिकेट खेलते रहेंगे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी बात ही अलग थी। ऐसे समय में जब एक औसत भारतीय प्रशंसक की तवज्जो एक इंस्टाग्राम रील से भी कम समय के लिए होती है, कोहली ने पिछली और मौजूदा पीढ़ी को टेस्ट क्रिकेट से प्यार करना सिखाया।

इंडियन प्रीमियर लीग की जगमगाहट के बीच लोग कोहली को टेस्ट बल्लेबाजी करते देखना चाहते रहे हैं। कोहली को 10000 टेस्ट रन पूरे करने के लिए 770 रन और चाहिए थे। उनके समकालीन इंग्लैंड के जो रूट टेस्ट में 13000 रन पूरे करने से कुछ रन पीछे हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ 10000 रन पूरे कर चुके हैं। न्यूजीलैंड के केन विलियमसन इससे 724 रन दूर हैं।

कोहली ने 2014 से 2019 के दौरान टेस्ट क्रिकेट में आक्रामकता की नयी परिभाषा लिखी। उनके कवर ड्राइव और फ्रंट फुट पर खेले गए शॉट क्रिकेटप्रेमियों को बरसों याद रहेंगे। सचिन तेंदुलकर को उनकी परिपक्वता के लिए जाना जाता है, तो विराट का व्यक्तित्व गैर-अनुरूपतावादी था।

इसकी शुरूआत 2014 के इंग्लैंड दौरे से हुई जब जेम्स एंडरसन ने उन्हें काफी परेशान किया। तब लोग कहने लगे कि कोहली इंग्लिश चैनल पार नहीं कर सके। लेकिन कुछ महीने बाद ही ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार शतक जड़कर कोहली ने वापसी की और महान क्रिकेटर बनने की दिशा में पहला कदम रखा। उन्होंने 2018 के इंग्लैंड दौरे पर 593 रन बनाए।

कोहली को टेस्ट क्रिकेट से प्यार था और टेस्ट क्रिकेट को उनसे। वह ऐसे दौर में बड़े हुए जब तेंदुलकर का जादू सिर चढ़कर बोलता था। टी20 के इस दौर में कोहली पांच दिनी क्रिकेट के आखिरी सुपरस्टार कहे जा सकते हैं। अब शायद ऐसा जुनून फिर देखने को न मिले।

कुछ अन्य वेब स्टोरीज

Story 1

निकोलस बर्न्स का पुराना बयान फिर सुर्खियों में: भारत-पाक को एक जैसा देखना अमेरिका की भूल

Story 1

कोई भारतीय पायलट हमारे पास नहीं... पाकिस्तान की पोल खुली, किरकिरी

Story 1

भारतीय सेना का पराक्रम: आतंकियों और पाक सेना की साठगांठ का हुआ पर्दाफाश

Story 1

नक्सलवाद उन्मूलन में वीरता: MP पुलिस के 64 अधिकारी-कर्मचारी सम्मानित, मुख्यमंत्री ने किया विकास कार्यों का लोकार्पण

Story 1

पीएम मोदी के संबोधन के बाद सांबा में दिखा पाकिस्तानी ड्रोन, होशियारपुर में धमाके!

Story 1

IPL 2025: फाइनल मैच 3 जून को, नया शेड्यूल जारी!

Story 1

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बाज़ार में आए ड्रोन पकौड़े! जमकर वायरल हो रही ये अनोखी डिश

Story 1

ट्रंप का दावा: भारत-पाक युद्ध विराम में व्यापार बना हथियार

Story 1

क्या पाकिस्तान फिर कर रहा है सीजफायर का उल्लंघन? जम्मू कश्मीर में तनाव

Story 1

शाहिद अफरीदी की भारत विजय रैली पर पड़ी मार! अपने ही देश में हुई धुनाई का वीडियो वायरल