जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने न केवल पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का संदेश दिया। भारत की जवाबी कार्रवाई इतनी सटीक थी कि पाकिस्तान बुरी तरह हिल गया।
इस घटनाक्रम के बीच एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अमेरिका, जिसने पहले भारत-पाकिस्तान के मसले में हस्तक्षेप न करने की बात कही थी, अचानक इस संघर्ष में दखल देने पर क्यों मजबूर हो गया?
10 मई को अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच हस्तक्षेप कर युद्धविराम लागू करवाया, जिससे हमले थम गए। सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अचानक दोनों देशों के मामले में कूदने की क्या आवश्यकता पड़ी?
भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेते हुए 7 मई को पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर जोरदार हमला किया, जिसमें 100 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। इसके बाद पाकिस्तान बौखला गया और लगातार एलओसी पर फायरिंग करने लगा। उसने ड्रोन से भी हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने हर हमले का करारा जवाब दिया।
8 और 9 मई को लड़ाई बड़े पैमाने पर पहुंच गई। पाकिस्तान ने भारत पर फतेह मिसाइल दागी, जिसे भारत ने हवा में मार गिराया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए शुक्रवार को नूरखान एयरबेस पर भीषण हमला किया। इसी हमले से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया।
अब सवाल यह उठता है कि एयरबेस उड़ाने से दुनिया को क्या नुकसान होगा? जवाब है परमाणु बम। अमेरिका समेत कई देशों को परमाणु हथियारों का डर सताने लगा। इसी वजह से अमेरिका तुरंत दोनों देशों से बात करने के लिए आगे आया।
दरअसल, भारत ने पाकिस्तान के जिस नूरखान एयरबेस को निशाना बनाया, वहां से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान का परमाणु जखीरा स्थित था। इस हाई सिक्योरिटी साइट को पाकिस्तानी स्ट्रैटेजिक प्लान डिवीजन (पीएसपीडी) कहा जाता है।
एक विदेशी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीएसपीडी में पाकिस्तान के परमाणु जखीरे के सबसे अधिक वॉरहेड जमा हैं। वहां से केवल 10 किलोमीटर दूर भारत ने जबर्दस्त हमला किया, तो अमेरिका के व्हाइट हाउस को आशंका हुई कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार खतरे में हैं। इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मामले में दखलअंदाजी की।
अमेरिका को आशंका मिलने के बाद उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने पाक पीएम शहबाज शरीफ और पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर को फोन कर एटमी जखीरे के बारे में जानकारी ली। न्यूक्लियर जखीरे को खतरे में देखकर उन्होंने तुरंत युद्धविराम पर दोनों देशों से बात कर सहमति हासिल की।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने ही पहले कहा था कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान के इस मसले में नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि यह दो देशों के बीच का मामला है, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। लेकिन जब पाकिस्तान के जल्द ही विश्व मानचित्र से गायब होने की खबर आई, तो उन्होंने भारत और पाकिस्तान से बात करके मसला हल करने पर जोर दिया।
*Noor Khan airbase also houses PAF College & is key logistics base in Chaklala close to GHQ & nuclear research facility - our @IAF_MCC went n fired missiles at the base & came back- guy in video can be heard talking of aircraft flying - yet Pak won! 😂pic.twitter.com/ZuB2v4hLr1
— Alok Bhatt (@alok_bhatt) May 11, 2025
क्या भारत ने पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने पर हमला किया? एयर मार्शल का जवाब – हमें तो पता भी नहीं!
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