एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती, भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी फाइटर कॉम्बैट लीडर हैं। उन्हें भारत के सबसे खतरनाक और सटीक सैन्य ऑपरेशन ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के दो सबसे बड़े आतंकी ठिकानों - बहावलपुर और मुरीदके - को तेजी से नष्ट किया गया।
11 मई को तीनों सेनाओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल भारती ने सैटेलाइट इमेज और मिसाइल स्ट्राइक के फुटेज दिखाए। इससे स्पष्ट हो गया कि भारत अब सिर्फ बातों पर नहीं, बल्कि टारगेट लॉक करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
13 जून 1987 को भारतीय वायुसेना में कमीशन पाए एयर मार्शल भारती ने 16 अगस्त 2005 को सुखोई-30 एमकेआई स्क्वाड्रन के सीओ के रूप में भी कार्यभार संभाला। उन्होंने सुखोई-30 एमकेआई स्क्वाड्रन को खड़ा किया, आधुनिक हथियार प्रणालियों को ऑपरेशनल बनाया, और दुश्मन के इलाकों में घुसकर वार करने की रणनीतियां तैयार कीं।
उनकी खासियत यह है कि वे टारगेट पर फुल हिट सुनिश्चित कराते हैं। उन्होंने गगन शक्ति, इंद्रधनुष और गरुड़ जैसे उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यासों में भारत का नेतृत्व किया है। उन्हें 2008 में वायुसेना मेडल से सम्मानित किया गया था, क्योंकि उन्होंने कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण और बेहतरीन लीडरशिप का प्रदर्शन किया था।
ऑपरेशन सिंदूर में एयर मार्शल भारती की योजना थी - आतंक का एड्रेस मिला, अब मिटाना है । प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि बहावलपुर और मुरीदके में सैटेलाइट और इंटेलिजेंस से मिले डाटा पर काम किया गया। आतंकी शिविर टारगेट थे। उन पर प्रिसिशन मिसाइलों से अटैक किया गया, ताकि आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे।
इन स्ट्राइक्स में IC-814 हाईजैक का मास्टरमाइंड यूसुफ अजहर मारा गया, पुलवामा का साजिशकर्ता मुदासिर अहमद मारा गया, और लश्कर का टॉप कमांडर रऊफ भी मारा गया। मुरीदके वही जगह है, जहां अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे खूंखार आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी।
एयर मार्शल भारती ने 20 साल की सेवा में 12 पोस्टिंग और दर्जनों मिशन पूरे किए हैं। यह सिर्फ रैंक नहीं, बल्कि एक इतिहास है। उन्होंने नंबर 30 स्क्वाड्रन - पुणे, 2 विंग - लोहेगांव, पूर्वी वायु कमान - कोलकाता, और एयर ऑपरेशंस HQ - दिल्ली में कमांडिंग भूमिका निभाई है।
उन्हें सूचना एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, सामरिक बल कमान, और आक्रामक संचालन निदेशालय में प्रमुख ऑपरेशन पोस्टिंग मिली है। 1997 में उन्हें वायुसेना प्रमुख द्वारा समर्पण के लिए प्रशंसा मिली। उन्हें 26 जनवरी 2008 को वायुसेना पदक से सम्मानित किया गया - असाधारण कर्तव्यनिष्ठा और युद्ध-तैयारी में उत्कृष्टता के लिए। 01 सितंबर 2023 को वे वायु संचालन महानिदेशक (DG Air Ops) बने। 2025 में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में वायुसेना का रणनीतिक नेतृत्व किया।
युद्धकाल के दौरान एयर मार्शल की कई अहम जिम्मेदारियां होती हैं, जिनमें रणनीतिक योजना, संचालन, इंटर-सर्विस समन्वय, एयर डिफेंस मैनेजमेंट, और इंटेलिजेंस और साइबर वॉरफेयर शामिल हैं। दुश्मन के एयर डिफेंस, रडार नेटवर्क, एयरबेस और सैन्य ढांचे की पहचान करना और पूरे युद्ध क्षेत्र में वायुसेना की रणनीति बनाना उनकी जिम्मेदारी है।
जब बात आतंकी ढांचे को मिटाने की हो, तो भारत अब एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती के नाम पर भरोसा करता है। उनकी प्लानिंग, लीडरशिप और फोकस से पाकिस्तान की आतंकी इंडस्ट्री पर फुल-स्टॉप लगाया गया है।
*#WATCH | Delhi: Air Marshal AK Bharti shows the detailed missile impact video at Muridke terror camp. #OperationSindoor pic.twitter.com/fzMCcCMCRn
— ANI (@ANI) May 11, 2025
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