नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव रोकने के संबंध में अमेरिका द्वारा की गई घोषणा पर सरकार से जवाब मांगा है। कांग्रेस का प्रश्न है कि क्या सरकार ने कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है। पार्टी ने इस मुद्दे के अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के प्रयास की भी आलोचना की।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा किया जाना अभूतपूर्व है और इससे कई सवाल उठते हैं।
पायलट ने कहा कि सरकार को वर्तमान परिस्थितियों में इन मुद्दों पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से युद्धविराम की घोषणा के बाद सभी हैरान थे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका ने दो देशों के बीच एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा की है। यह अप्रत्याशित है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और उन्होंने कश्मीर को चर्चा में शामिल करने का प्रयास किया, जो कि अभूतपूर्व है।
पायलट ने अमेरिकी बयानों का हवाला देते हुए कहा, यह कहना कि वे तटस्थ स्थल पर मिलेंगे, वे कौन होते हैं यह तय करने वाले कि तटस्थ स्थल क्या होगा और किसे मिलना चाहिए।
कांग्रेस ने 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से उठाए गए कदम का हवाला देते हुए कहा कि यह उनके साहसी नेतृत्व को याद करने का समय है। इंदिरा बंगाल की खाड़ी में परमाणु ऊर्जा से संचालित नौसैनिक कार्यबल भेजने की अमेरिकी चेतावनी के बावजूद अपने फैसले पर अडिग रही थीं, जिसके चलते बाद में बांग्लादेश एक राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और सचिन पायलट ने 1971 की घटना का हवाला देते हुए दावा किया कि बांग्लादेश में कुछ भी न करने के निर्देश दिए जाने के बावजूद इंदिरा ने राष्ट्रीय हित में उचित कदम उठाया।
रमेश ने कहा कि निक्सन-किसिंजर की जोड़ी ने अमेरिकी नौसेना के सातवें बेड़े के एक परमाणु-संचालित और परमाणु हथियारों से लैस कार्य बल को बंगाल की खाड़ी में भेजा, लेकिन इंदिरा गांधी इससे भी नहीं डरीं और पाकिस्तान ने 16 दिसंबर 1971 को आत्मसमर्पण कर दिया।
कांग्रेस ने कहा कि आज देश इंदिरा गांधी के साहसी नेतृत्व को याद करता है। पार्टी ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के दौरान इंदिरा के कुछ भाषणों को भी साझा किया।
पिछले 24 घंटों में पूरा घटनाक्रम बहुत तेजी से बदला है। हम सभी को आश्चर्य हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ने की।
— Congress (@INCIndia) May 11, 2025
यह शायद पहली बार हुआ है, जब सीजफायर की घोषणा सोशल मीडिया के ज़रिए अमेरिका के राष्ट्रपति करते हैं। उन्होंने जो अपने सोशल मीडिया… pic.twitter.com/V3jyH8gktX
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