भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण युद्धविराम समझौते (सीज़फायर एग्रीमेंट) पर सहमति बनी है. यह समझौता पाकिस्तान की तरफ से शुरू किया गया था, जिसे भारत ने अपनी शर्तों के साथ स्वीकार किया. यह सहमति दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ़ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) स्तर पर हुई.
रविवार (11 मई) को शाम को तीनों सेनाओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीएमओ भी मौजूद थे.
इस अवसर पर एयर मार्शल ए.के. भारती ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा, हमारा काम दुश्मन को तबाह करना है. लाशों की गिनती उनका काम है.
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, हमने जो भी तरीके और साधन चुने हैं, उनका दुश्मन के ठिकानों पर असर हुआ है. हताहतों की संख्या कितनी है? कितने घायल हुए? हमारा मकसद हताहत करना नहीं था, लेकिन अगर कोई हताहत हुआ है, तो उसे गिनना उनका काम है. हमारा काम लक्ष्य को भेदना है, लाशें गिनना नहीं.
पहलगाम हमले का बदला लेने के बारे में बताते हुए एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा कि लक्ष्यों का गहन विश्लेषण किया गया. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने प्रभावी मुठभेड़ और कम नुकसान सुनिश्चित करने के लिए हवा से सतह पर मार करने वाले निर्देशित हथियारों का इस्तेमाल करते हुए सटीक हमले किए.
एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा, नौ निर्धारित लक्ष्यों में से, भारतीय वायुसेना को बहावलपुर और मुरीदके में कुख्यात आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर सौंपे गए थे, जो दोनों पाकिस्तानी क्षेत्र में मौजूद हैं. संपूर्ण लक्ष्य प्रणाली विश्लेषण के बाद, हमने प्रभावी संलग्नता और न्यूनतम संपार्श्विक क्षति सुनिश्चित करने के लिए हवा से सतह पर निर्देशित युद्ध सामग्री का उपयोग करके सटीक हमले किए.
एयर मार्शल ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के तरीके के बारे में बताते हुए कहा कि 7 मई की शाम को सेना को पाकिस्तानी हमलों का सामना करना पड़ा. भारती ने कहा, ये हमले हमारे नागरिक क्षेत्रों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर लगातार आते रहे. इन सभी को सफलतापूर्वक रोक दिया गया. हालांकि कुछ विमान उतरने में सफल रहे, लेकिन इनसे होने वाला नुकसान बहुत कम था.
डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी अड्डों को निशाना बनाया. उन्होंने ड्रोन अटैक किया. जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह हुए. इस कार्रवाई में उनके 35-40 जवान और अफसर भी मारे गए.
डीजीएमओ ने कहा, नौ आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे उच्च मूल्य के लक्ष्य शामिल थे, जो आईसी 814 के अपहरण और पुलवामा विस्फोट में शामिल थे. इसके तुरंत बाद पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा का भी उल्लंघन किया गया और हमारे दुश्मन की अनिश्चित और घबराई हुई प्रतिक्रिया नागरिकों, बसे हुए गांवों और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों की तादाद से स्पष्ट थी, जो दुर्भाग्य से उनके हमले में मारे गए, जिससे कई लोगों की जान चली गई. भारतीय वायु सेना ने इन हमलों में इनमें से कुछ शिविरों पर हमला करके एक प्रमुख भूमिका निभाई और भारतीय नौसेना ने सटीक हथियारों के मामले में साधन प्रदान किए. भारतीय वायु सेना के पास आसमान में हथियार थे.
#WATCH | Delhi: #OperationSindoor | Air Marshal AK Bharti says, Whatever methods and whatever means we have chosen, it had the desired effects on the enemy targets. How many casualties? How many injuries? Our aim was not to inflict casualties, but in case there have been, it is… pic.twitter.com/uK9OBYuQp1
— ANI (@ANI) May 11, 2025
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