ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में खलबली, भारत का कड़ा संदेश
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ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर पाकिस्तान गोली चलाएगा तो भारत भी जवाब देगा, अगर हमला करेगा तो भारत भी हमला करेगा। वहां से गोली चलेगी, यहां से गोला चलेगा।

कश्मीर पर भारत की स्थिति स्पष्ट है। अब केवल एक ही मुद्दा बचा है - पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस लेना। किसी और विषय पर कोई बात नहीं होगी। यदि पाकिस्तान आतंकवादियों को सौंपने की बात करता है, तो बातचीत संभव है, लेकिन किसी अन्य मुद्दे पर नहीं। भारत किसी भी मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से स्पष्ट कहा कि अगर पाकिस्तान कुछ करता है तो भारत का जवाब और भी विनाशकारी और कड़ा होगा।

उसी रात पाकिस्तान ने 26 ठिकानों पर हमला किया, जिसके जवाब में भारत ने भी जोरदार पलटवार किया। उनके ठिकानों पर हमले किए गए। भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और विदेश मंत्रियों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। केवल दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) के बीच ही बातचीत हुई।

बहावलपुर (पाकिस्तान) स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचाया गया, जिसके लिए सबसे शक्तिशाली हथियारों का इस्तेमाल किया गया। जैश-ए-मोहम्मद को ISI ने बनाया था, यह भारत का एक कड़ा संदेश था।

ऑपरेशन सिंदूर चलाकर भारत ने तीन मुख्य लक्ष्य हासिल किए:

  1. सैन्य उद्देश्य: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि बहावलपुर, मुरीदके और मुजफ्फराबाद कैंप को मिट्टी में मिला देंगे।
  2. राजनीतिक उद्देश्य: सिंधु जल संधि सीमा पार आतंकवाद से जुड़ी है। जब तक सीमा पार से आतंकवाद बंद नहीं होता, तब तक यह स्थगित रहेगी।
  3. मनोवैज्ञानिक उद्देश्य: घुस कर मारेंगे, हमने उनके दिल में गहरी चोट पहुंचाई।

हर दौर में पाकिस्तान के लिए स्थिति खराब होती गई। वे लड़ाई के हर दौर में भारत से हार गए। पाकिस्तान के हवाई ठिकानों पर हमलों के बाद, पाकिस्तान को एहसास हो गया है कि वे इस लीग में नहीं हैं। भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि कोई भी सुरक्षित नहीं है, यह नया सामान्य है।

भारतीय वायुसेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। वायुसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किए हैं। राष्ट्र के हित में यह ऑपरेशन बहुत ही आक्रामक ढंग से चलाया गया। हालांकि यह ऑपरेशन अब भी जारी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और सेना के तीनों अंगों के प्रमुख शामिल हुए।

भारत ने पाकिस्तान पर सहमति की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था और उससे इस तरह के उल्लंघन से बचने के लिए उचित कदम उठाने का आह्वान किया था।

पहलगाम में 22 अप्रैल को मासूम पर्यटकों पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए थे। इसके बाद पूरे देश में रोष था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेनाओं को पूरी छूट दे दी। इसके बाद सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकियों के 9 ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया।

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