भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के लिए सीजफायर की घोषणा की गई है, लेकिन पाकिस्तान लगातार उल्लंघन कर रहा है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए लोग 1971 के युद्ध के दौरान इंदिरा गांधी के नेतृत्व को याद कर रहे हैं.
कांग्रेस समर्थक उनके पुराने वीडियो शेयर करके सवाल कर रहे हैं. पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने लिखा कि अमेरिका के दबाव के आगे झुक रहे नेताओं को इंदिरा गांधी के साहस को याद रखना चाहिए.
श्रीनिवास ने कहा कि अमेरिका ने इंदिरा गांधी पर भी दबाव बनाया, धमकियां दीं, और चेतावनी दी कि भारत को परिणाम भुगतने होंगे. लेकिन इंदिरा गांधी न रुकीं, न झुकीं और न ही डरीं. उन्होंने दुनिया को दिखाया कि भारत की सीमाओं और सम्मान की रक्षा किसी भी अंतर्राष्ट्रीय दबाव से ऊपर है. नतीजा यह हुआ कि 1971 में इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में विभाजित कर दिया और बांग्लादेश बना दिया.
नवंबर 1971 में, जब भारत-पाक तनाव चरम पर था, अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने धमकी भरे अंदाज़ में कहा था कि अगर भारत ने पाकिस्तान के मामलों में दखल दिया, तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा. भारत को सबक सिखाया जाएगा.
इंदिरा गांधी ने व्हाइट हाउस में रिचर्ड निक्सन की आंखों में आंखें डालकर दृढ़ता से जवाब दिया भारत अमेरिका को मित्र मानता है, मालिक नहीं. भारत अपनी तकदीर खुद लिखने में सक्षम है. हम जानते हैं कि हालात के अनुसार किससे कैसे निपटना है.
तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर ने अपनी आत्मकथा में इस साहसिक बातचीत का जिक्र किया है, जहाँ उन्होंने इंदिरा गांधी के आत्मविश्वास और दृढ़ता की सराहना की.
1971 का भारत-पाक युद्ध पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में हो रहे दमन के विरोध में शुरू हुआ. इंदिरा गांधी ने शरणार्थियों की पीड़ा को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया और दुनिया को पूर्वी पाकिस्तान में हो रही क्रूरता से अवगत कराया.
जब कूटनीतिक प्रयास विफल हुए, तो उन्होंने सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया. भारतीय सेना ने महज 13 दिनों में पाकिस्तान को पराजित कर दिया और 16 दिसंबर 1971 को ढाका में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, जो अब तक का सबसे बड़ा सैन्य सरेंडर माना जाता है.
इस जीत ने बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में जन्म दिया और इंदिरा गांधी को विश्व मंच पर एक सशक्त नेता के रूप में स्थापित किया. इस युद्ध ने उन्हें दुर्गा की उपाधि दिलाई और भारतीय राजनीति में एक महिला के रूप में उनकी निर्णायक शक्ति का प्रतीक बन गया.
*The Most famous speech of Indira Gandhi..!!! FIGHT BACK INDIA !!!#ceasefire pic.twitter.com/fkGX2zwfep
— Samir Karki (@SarojKarki65) May 11, 2025
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