भारत और पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हो गए हैं. यह सहमति दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रूप से हुई है.
अमेरिका ने दावा किया है कि उसने इस सीज़फ़ायर की मध्यस्थता की है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल सीज़फ़ायर पर सहमत हो गए हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत आतंकवाद के सभी रूप के ख़िलाफ़ कठोर रुख़ अपनाता रहेगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक़ डार ने भी कहा कि उनका देश संघर्ष विराम के लिए तैयार है.
इसहाक़ डार ने बताया कि इस सीज़फ़ायर के लिए कई देशों ने कूटनीतिक प्रयास किए, जिनमें तुर्की, सऊदी अरब और ब्रिटेन शामिल थे.
संघर्ष विराम की घोषणा से पहले दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले किए. दोनों ही देश परमाणु हथियार से संपन्न हैं. पिछले दिनों दोनों देशों ने एक-दूसरे के वायु सेना अड्डों को निशाना बनाने और नुक़सान पहुंचाने के दावे किए थे.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की दरमियानी रात पाकिस्तान के भीतर कई जगहों पर हमले किए. भारत ने इसे केंद्रित और नपी-तुली कार्रवाई बताया.
इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया और एक-दूसरे पर ड्रोन से हमले किए गए. नियंत्रण रेखा पर भी भारी गोलाबारी हुई. पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत ने उसके तीन सैन्य हवाई अड्डों को नुक़सान पहुंचाया, जिसकी भारत ने भी पुष्टि की.
शनिवार सुबह कराची में ड्रोन हमले के बाद, भारत में जम्मू और श्रीनगर समेत कई शहरों में धमाके सुने गए. पाकिस्तान ने कहा कि उसने भारत के ख़िलाफ़ ऑपरेशन बुनयान अल मरसूस शुरू किया.
हालांकि, शनिवार शाम होते-होते दोनों देशों ने सभी तरह की सैन्य कार्रवाई रोकने की घोषणा कर दी.
रक्षा मामलों के जानकार प्रवीण साहनी ने कहा कि जब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सेना प्रमुखों के साथ मुलाक़ात के बाद ख़बरें आईं कि भारत भविष्य में किसी भी आतंकवादी हमले को युद्ध की कार्रवाई मानेगा, तब ही स्पष्ट हो गया था कि भारत अब इस मामले में आगे कुछ नहीं चाहता है.
विश्लेषकों का मानना है कि मिसाइल हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एक ऐसे स्तर पर पहुंच गया था, जहां से आगे बढ़ना विनाशकारी होता.
मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिफेंस स्टडीज़ की रिसर्च फेलो स्मृति एस पटनायक ने कहा कि तनाव के बढ़ने के क्रम में दोनों देश मिसाइल हमलों तक पहुंच गए थे. इसके बाद पूर्ण युद्ध की स्थिति हो सकती थी, जो अभी नहीं थी.
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से बात की और फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी बात की.
रक्षा मामलों के जानकार जीवन राजपुरोहित का मानना है कि यह संघर्ष विराम बरक़रार रहेगा क्योंकि दोनों ही देश लड़ाई जारी नहीं रखना चाहते और अमेरिका की मध्यस्थता इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
प्रवीण साहनी भी मानते हैं कि अमेरिका की मध्यस्थता में हुआ यह संघर्ष विराम टिक पाएगा, लेकिन दोनों देश उसी स्थिति में रहेंगे जो 6 मई से पहले थी.
हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ज़मीनी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा और आने वाले दिनों में भारत और पाकिस्तान की तरफ़ से और अधिक आक्रामक बयान आ सकते हैं.
भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच बातचीत हुई, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों देश किन शर्तों पर सहमत हुए हैं.
स्मृति पटनायक कहती हैं कि यह संघर्ष विराम इस बात पर निर्भर करेगा कि सहमति किन बातों पर हुई है.
भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर पाकिस्तान तनाव कम करेगा तो भारत भी आगे नहीं बढ़ेगा.
शनिवार सुबह भारत ने कहा था कि वह तनाव को और आगे बढ़ाना नहीं चाहता है.
ब्रिगेडियर जीवन राजपुरोहित का कहना है कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही बोल चुके थे कि उनका इरादा स्थिति को और भड़काने का नहीं है.
विश्लेषकों का यह भी मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ा मुद्दा यह था कि इस स्थिति से सम्मानजनक तरीक़े से कैसे निकला जाए.
प्रवीण साहनी कहते हैं कि दोनों ही देश ऑल आउट वॉर की तरफ़ नहीं जाना चाहते थे और एक रेस्पेकटेबल एग्ज़िट चाहते थे.
स्मृति एस पटनायक कहती हैं कि पाकिस्तान की सेना पर देश के लोगों को यह दिखाने का दबाव हो सकता है कि उसने जवाब दिया है.
शहबाज़ शरीफ़ ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को भरपूर जवाब दे दिया है और बेगुनाह लोगों की मौत का बदला ले लिया है.
जीवन राजपुरोहित का मानना है कि अहम सवाल यह होगा कि क्या पाकिस्तान अपना नज़रिया बदलता है. भारत का स्पष्ट रुख रहा है कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि अब सबसे अहम सवाल यह होगा कि क्या पाकिस्तान आतंकवाद और पाकिस्तान के क़ब्ज़े वाले कश्मीर पर बात करने को तैयार है.
*.@MEAIndia announces that stoppage of firing & military action between India and Pakistan was worked out directly between the two countries.
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) May 10, 2025
The Pak DGMO initiated the call this afternoon after which discussions took place and understanding reached.
There is no decision to… pic.twitter.com/HrepAj12bR
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