पुलवामा हमले के जवाबी कार्रवाई में भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बदतर होती जा रही है। लगातार हार का सामना कर रहे पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है।
पाकिस्तान का हर नागरिक आज 86.5 हजार रुपये के कर्ज के साथ पैदा होता है। तेल, गैस, वेतन, और सब्सिडी जैसे रोजमर्रा के खर्चों के लिए भी पाकिस्तान को कर्ज लेना पड़ रहा है।
जून 2024 की सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पर 256 बिलियन डॉलर (लगभग 21.6 लाख करोड़ रुपये) का सार्वजनिक कर्ज है, जो देश की कुल जीडीपी का 67% है।
भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से हुए नुकसान के बाद, पाकिस्तान सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों से मदद मांगी है। यह मांग अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ होने वाली बैठक से पहले रखी गई थी। हालांकि, बाद में सरकार ने कहा कि उनका एक्स अकाउंट हैक हो गया था और उन्होंने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया था।
पाकिस्तान कर्ज के लिए विश्व बैंक और IMF पर बहुत अधिक निर्भर है। 2023 में पाकिस्तान को IMF से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट मिला था और मार्च 2024 में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 1.3 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त राशि मिली थी। एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने भी पाकिस्तान को 43.4 बिलियन डॉलर देने का वादा किया है।
विश्व बैंक ने इस साल जनवरी में पाकिस्तान के साथ 20 बिलियन डॉलर के लोन पर समझौता किया है, जिसका उपयोग जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और निजी क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने में किया जाएगा।
द वर्ल्ड बैंक इंटरनेशनल डेब्ट रिपोर्ट 2024 के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को 28.7 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया है। चीन ने CPEC के तहत सड़कों, बिजलीघरों और बंदरगाहों के लिए यह कर्ज दिया है।
सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 9.16 बिलियन डॉलर और IMF ने 7.5 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया है। UAE और कतर भी पाकिस्तान को कर्ज देने वाले प्रमुख देशों में शामिल हैं।
पाकिस्तान ने वर्ल्ड बैंक से सबसे ज्यादा कर्ज लिया है, जो कुल कर्ज का 30.1% है। IMF से उसने कुल कर्ज का 5.7% लिया है। द्विपक्षीय समझौते भी पाकिस्तान के लिए कर्ज का एक बड़ा स्रोत हैं, जिनसे उसने कुल कर्ज का 19% लिया है।
भारत ने संकेत दिया है कि वह IMF से पाकिस्तान को दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज के बारे में सावधानी बरतने का आग्रह करेगा। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि IMF में भारत के कार्यकारी निदेशक बैठक के दौरान भारत का पक्ष रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि पाकिस्तान को बेलआउट देने से पहले सभी तथ्यों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाए।
IMF बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान के आर्थिक प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी और ऋण वितरण, कार्यक्रम विस्तार या नीति समायोजन पर निर्णय लिया जाएगा।
Official account of the Ministry of Economic Affairs, Economic Affairs Division - Government of Pakistan posts a tweet, Govt of Pakistan appeals to International Partners for more loans after heavy losses inflicted by enemy. Amid escalating war and stocks crash, we urge… pic.twitter.com/sPQ4HgL4UW
— ANI (@ANI) May 9, 2025
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