रियाद पर रेतीला कहर: जीवन अस्त-व्यस्त, घरों में दुबके लोग
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रियाद में भयानक रेत का तूफान आया, जिससे शहर की दृश्यता लगभग शून्य हो गई और सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तूफान के जल्द थमने की कोई संभावना नहीं है। रियाद के अलावा, सऊदी अरब के अन्य कई हिस्से भी इसकी चपेट में आए हैं।

स्कूल, दफ्तर और बाजार बंद कर दिए गए हैं, और नागरिकों को घरों में रहने के लिए मजबूर किया गया है। प्रशासन ने आपातकालीन उपाय शुरू कर दिए हैं और हेल्थ सर्विस को अलर्ट कर दिया गया है।

रियाद की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, दिखना बिल्कुल बंद हो गया है। मौसम विभाग की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि दृश्यता घटकर कुछ मीटर तक सीमित हो गई है। वाहनों की गति धीमी हो गई है और कई मार्गों पर पूरी तरह से यातायात ठप हो गया है। प्रशासन ने लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की है।

रियाद की व्यावसायिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हो गई हैं। कई संस्थानों ने वर्क फ्रॉम होम की नीति लागू की है, जबकि कुछ स्थानों पर आपात सेवाएं ही चालू हैं।

यह तूफान केवल रियाद तक सीमित नहीं रहा है। जाजान, असीर, अल बाहा, मक्का और अल कासिम क्षेत्र भी ऐसी स्थिति से जूझ रहे हैं। इन क्षेत्रों में भी उड़ानें रद्द की गई हैं और परिवहन पर असर पड़ा है। हवाई अड्डों पर अफरा-तफरी का माहौल है।

स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन योजना सक्रिय कर दी है। स्वास्थ्य सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है। एंबुलेंस और अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। सफाई कर्मियों को सड़कों की धूल और रेत हटाने में लगाया गया है।

मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय वायुवीय परिस्थितियों के कारण होती हैं। विशेषज्ञों ने N95 मास्क पहनने और खिड़कियों को बंद रखने जैसे उपाय अपनाने की चेतावनी दी है।

छोटे बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को सबसे अधिक खतरा है। डॉक्टरों ने बाहर जाना खतरनाक बताया है और घर के अंदर एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

रियाद समेत मक्का, अल बाहा और अल कासिम एयरपोर्ट पर दृश्यता न के बराबर हो गई, जिससे सैकड़ों उड़ानें या तो देर से रवाना हुईं या रद्द कर दी गईं। यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप हो गया है। कामगारों को बाहर काम करने में खतरा है, जिससे हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर ब्रेक लग गया है।

सोशल मीडिया पर यह तूफान ट्रेंड कर रहा है। लोग घरों से तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं। कुछ नागरिकों ने इसे अब तक का सबसे भीषण रेत तूफान बताया है। कई लोग सरकार से बेहतर तैयारी और अलर्ट सिस्टम की मांग कर रहे हैं।

सरकार ने दीर्घकालिक रणनीति बनाने की घोषणा की है, जिसमें रेगिस्तानी क्षेत्रों में वृक्षारोपण, स्मार्ट सिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर और मौसम पूर्वानुमान तकनीक को उन्नत करने की योजना है। अलर्ट सिस्टम में भी सुधार किया जाएगा।

इस घटना ने दिखा दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने तकनीक भी थम जाती है। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन भविष्य में बेहतर तैयारी और सामुदायिक जागरूकता की आवश्यकता होगी। नागरिकों को प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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